AAP-कांग्रेस गठबंधन पर असमंजस बरकरार, अजय माकन के बाद अब संदीप दीक्षित ने कहा- 'नहीं लड़ूंगा चुनाव'
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर नेताओं में असमंजस है. इस बीच शीक्षा दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने कहा है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.
नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा या नहीं? इस सवाल पर दोनों ही दलों के नेता ऊहापोह में हैं. दरअसल, आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक अल्का लांबा ने ट्विटर पर एक जवाब में कहा है, ''मेरी विधानसभा कांग्रेस का गढ़ रही है, 3 बार AAP इस गढ़ को तोड़ने में नाकाम रही, मैंने इसे तोड़ा. आज आप कांग्रेस से गठबंधन चाहते हैं उसे बुरा-भला भी कह रहे हैं. आज आप के कहने पर कांग्रेस के खिलाफ़ बोलूं और कल गठबंधन होने पर उनके लिये वोट मांगूं? पहले AAP तय तो कर ले चाहती क्या है?''
मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गठबंधन पर बयान देकर असमंजस को और बढ़ा दिया. घोषणापत्र लॉन्च के मौके पर राहुल गांधी ने आप के साथ गठबंधन के सवाल पर सीधे उत्तर नहीं देते हुए कहा, ‘‘इस पर कोई असमंजस नहीं है. स्थिति बहुत स्पष्ट है. देश भर में हमने गठबंधन किए हैं. हमारे दरवाजे गठबंधन के लिए खुले हुए हैं. इस मुद्दे पर हमारा रुख लचीला है.’’
बयान देने से ठीक पहले राहुल गांधी ने शीला दिक्षित और दिल्ली के पार्टी प्रभारी पीसी चाको के साथ बैठक की. पीसी चाको गठबंधन के पक्ष में हैं जबकि शीला दीक्षित विरोध कर रही हैं.
राहुल के बयान पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि यह मात्र एक बयान है. हम इस बारे में अरविन्द केजरीवाल और अन्य पार्टी सदस्यों से विचार विमर्श करेंगे और आपको उसकी जानकारी देंगे.
संदीप दीक्षित ने कहा- नहीं लड़ूंगा चुनाव ध्यान रहे कि आप दिल्ली की सभी सात सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. हालांकि पार्टी नेता टिकट को लेकर अब खुलकर बोलने लगे हैं. शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित और दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने टिकट को लेकर अपना फैसला सुना दिया है.
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन आप से गठबंधन के पक्ष में हैं. सूत्रों के मुताबिक, अजय माकन ने कहा कि अगर आप से गठबंधन नहीं हुआ तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. वहीं संदीप दीक्षित ने भी कहा है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.
दरअसल, आप से गठबंधन में कई पेंच है. आम आदमी पार्टी कांग्रेस को मात्र दो सीटें देना चाहती है. जबकि कांग्रेस कम से कम 3 सीटों पर अड़ी है. साथ ही आम आदमी पार्टी हरियाणा और पंजाब में भी कांग्रेस से गठबंधन करना चाहती है. कांग्रेस केवल दिल्ली में गठबंधन पर बातचीत चाहती है.
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दिल्ली में सभी सात सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे. 23 मई को मतगणना होगी. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर कब्जा जमाया था. इस बार बीजेपी ने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है. शायद कांग्रेस-आप गठबंधन पर अंतिम फैसले का इंतजार हो.
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