2019 के 19 मुद्दे | सीरीज-10: थोड़ा कम या थोड़ा ज्यादा, सभी दलों में है परिवार का बोलबाला, पार्ट-2
कांग्रेस की तरह ही बीजेपी में भी राजनीतिक परिवारों का बोलबाला है. बीजेपी की उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को पार्टी ने झालावाड़-बारां से उतारा है. इसी तरह कई और परिवार हैं जिनके करीबियों को टिकट दिया गया है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुज्जफरपुर की रैली में परिवारवाद पर जमकर हमला बोला. मंच से उन्होंने गांधी परिवार के साथ-साथ लालू परिवार को जमकर खरी-खोटी सुनाई. लेकिन मंच पर ही मौजूद लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष रामविलास पासवान पर चुप रहे. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी बिहार में छह सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जिसमें से तीन सीटें पासवान ने खुद के परिवार के लिए रिजर्व रखी है. जमुई सीट से बेटे चिराग पासवान, समस्तीपुर से भाई रामचंद्र पासवान और हाजीपुर से दूसरे भाई पशुपति कुमार पारस चुनाव लड़ रहे हैं. कुल मिलाकर बात ये कि विपक्ष के परिवारवाद का मुद्दा उठाते समय दरअसल बीजेपी के नेता अपनी पार्टी औऱ अपनी सहयोगी पार्टियों के वंशवाद को भूल जा रहे हैं.
केवल बीजेपी की बात करें तो बिहार की पटना साहिब सीट से बीजेपी ने ठाकुर प्रसाद के बेटे और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. मधुबनी सीट से पार्टी ने वरिष्ठ नेता हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को टिकट दिया है.
बीजेपी ने भी टिकट बंटवारे में राजनीतिक परिवार पर भरोसा जताया है. यह जरूर है कि कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी की लिस्ट थोड़ी छोटी है. बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को हजारीबाग से टिकट दिया. जयंत सिन्हा बीजेपी से नाराज चल रहे जसवंत सिन्हा के बेटे हैं. बीजेपी ने ठाकुर प्रसाद के बेटे और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से उम्मीदवार बनाया है.
बीजेपी की उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को पार्टी ने झालावाड़-बारां से उतारा है. वसुंधरा राजे की मां विजयाराजे बीजेपी की संस्थापक सदस्यों में रही हैं. राजे की छोटी बहन यशोधरा राजे मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री थीं और अब वह शिवपुरी से विधायक हैं. कांग्रेस नेता ज्योतिरादिय सिंधिया राजे के भतीजे हैं.
बीजेपी ने ओडिशा की बोलांगीर सीट से पूर्व महाराजा और बीजेपी नेता कनकवर्धन सिंह की पत्नी संगीता कुमारी सिंह को टिकट दिया है. साथ ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रामकृष्णा पटनायक की बेटी अनीता शुभदर्शिनी को कंधमाल से उम्मीदवार बनाया है. महाराष्ट्र की बीड सीट से बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे चुनाव लड़ रही हैं. उनकी बहन पंकजा मुंडे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं. महाराष्ट्र की मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा सीट से बीजेपी ने दिवंगत बीजेपी नेता प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन चुनाव मैदान में उतारा है.
बीजेपी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय को अहमदनगर से टिकट दिया है. हिमाचल प्रदेश में अनुराग ठाकुर को हमीरपुर से टिकट दिया गया है. अनुराग के पिता प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री रह चुके हैं. केंद्रीय मंत्री और गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह राव बीरेंदर सिंह के बेटे हैं जो पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे.
2019 के 19 मुद्दे | सीरीज-10: थोड़ा कम या थोड़ा ज्यादा, सभी दलों में है परिवार का बोलबाला पार्ट-1
पार्टी ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीवाई राघवेन्द्र को शिमोगा से उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे के बृजेंद्र को हिसार से टिकट दिया है. पार्टी ने पंजाब के गुरदासपुर से सनी देओल को उम्मीदवार बनाया है. सनी की सौतेली मां हेमा मालिनी मथुरा से उम्मीदवार और सांसद हैं. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के बदायूं से संघमित्रा मौर्य को टिकट दिया है. संघमित्रा योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं.
बीजेपी ने राजवीर सिंह को एटा से टिकट दिया है. राजवीर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और फिलहाल राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के बेटे हैं. कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में राज्यमंत्री हैं. राजनाथ सिंह लखनऊ से उम्मीदवार हैं और उनके बेटे पंकज सिंह नोएडा से विधायक हैं. बीजेपी ने मेनका गांधी को सुल्तानपुर से वरुण गांधी को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया है. मेनका गांधी संजय गांधी की पत्नी हैं.
योगी सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद संसदीय सीट से बीजेपी उम्मीदवार हैं. रीता बहुगुणा जोशी के बेटे सौरभ बहुगुणा उत्तराखंड के सितारगंज से विधायक हैं. रीता बहुगुणा के पिता हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को पार्टी ने पश्चिमी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया है.अरुणाचल पश्चिम सीट से बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू के पिता रिन्चिन खारू राजनीति में सक्रिय थे. वो अरुणाचल प्रदेश की पहली विधानसभा में प्रो-टर्म स्पीकर रहे थे.
वरिष्ठ नेताओं की बात करें तो केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद निर्मला सीतारमण के ससुर कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे है. उनके पति दो बार कांग्रेस के टिकट पर और एक बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े. तीनों में उन्हें हार मिली. केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद पीयूष गोयल के पिता वेद प्रकाश गोयल बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार रहे हैं. पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के बेटे मध्य प्रदेश में विधायक हैं.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता देबेंद्र प्रधान ओडिशा में बीजेपी के बड़े नेता रहे हैं और वो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रहे. महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडनवीस के पिता गंगाधर फडनवीस महाराष्ट्र विधानपरिषद के सदस्य रहे हैं.
एनडीए की बात करें शिवसेना में ठाकरे परिवार का जिक्र सबसे पहले आता है. बाल ठाकरे के बाद पार्टी के अघ्यक्ष पद पर उद्धव ठाकरे काबिज हैं. वहीं अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल सोनेलाल पटेल की बेटी हैं. वह मिर्जापुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. तमिलनाडु में उप-मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके के संयोजक ओ. पन्नीरसेल्वम के बेटे रबींद्रनाथ कुमार थेनी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं एआईएडीएमके ने तिरुनेलवेली सीट से तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व स्पीकर और लोकसभा सांसद पीएच पांडियन के बेटे पॉल मनोज पांडियन को उम्मीदवार बनाया है.
मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की टिकट पर अगाथा संगमा तुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. अगाथा के भाई कोनराड संगमा मेघालय के मुख्यमंत्री हैं और उनके पिता पीए संगमा लोकसभा के स्पीकर रह चुके हैं.
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल 13 में से 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी पर बादल परिवार का कब्जा है और इस परिवार के दो सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं. प्रकाश सिंह बादल ने बेटे और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल को फिरोजपुर से टिकट दिया है. वहीं उनकी पत्नी और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को बठिंडा से मैदान में उतारा गया है.
कुछ अन्य क्षेत्रिय पार्टियों पर नजर दौड़ाएं तो यहां भी पार्टी पर एक परिवार का कब्जा है और टिकट बंटवारे में भी पारिवारिक विरासत बढ़ाने की झलक दिखी. हरियाणा में चौटाला परिवार की तीसरी पीढ़ी चुनावी मैदान में हैं.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता निजामाबाद से चुनाव लड़ रही हैं. एनटी रमाराव की राजनीतिक विरासत संभाल रहे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने विधानसभा चुनाव में बेटे नारा लोकेश को उम्मीदवार बनाया है. आंध्र में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं. बीएसपी भी परिवारवाद की ओर कदम बढ़ा चुकी है. मायावती के भतीजे आकाश चुनावी मंचों पर नजर आने लगे हैं. जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग सीट से महबूबा मुफ्ती चुनाव लड़ रही हैं. महबूबा पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद की विरासत संभाल रही हैं.
आम आदमी पार्टी, जेडीयू और वामदल तीन दल परिवारवाद से बचे हैं. जिसकी राजनीतिक हैसियत कुछ क्षेत्रों तक सीमित है. इसके अलावा कोई भी पार्टी नहीं है, जिसमें परिवारवाद नहीं है. किसी का दायरा छोटा है तो किसी का बड़ा. ऐसे में एक पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर उनके लिए परिवारवाद तो मुद्दा है लेकिन आम नागरिकों के लिए यह आम हो चुका है.