AAP ने कांग्रेस से गठबंधन पर बातचीत के लिए संजय सिंह को नियुक्त किया, राहुल गांधी से बोली- आप नाम बताएं
आम आदमी पार्टी दिल्ली के साथ-साथ दो राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में गठबंधन करना चाहती है. कांग्रेस सिर्फ दिल्ली में 4-3 के फॉर्मूले पर गठबंधन पर अडिग है.
Lok Sabha Elections 2019: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस गठबंधन दिलचस्प मोड़ पर खड़ा है. दोनों दलों के शीर्ष नेता यानि राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के तल्खी भरे ट्वीट के बाद भी गठबंधन को लेकर बातचीत का रास्ता खुला है.
मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ''आप ने कांग्रेस से बात करने के लिए संजय सिंह को अधिकृत किया है. राहुल जी भी कांग्रेस की तरफ़ से एक ऐसे व्यक्ति को अधिकृत करें जो “आप” के साथ बैठकर सभी 18 (दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़) सीटों पर बीजेपी को हराने की रणनीति बना सके.''
'आप' ने कांग्रेस से बात करने के लिए संजय सिंह को अधिकृत किया है. राहुल जी भी कांग्रेस की तरफ़ से एक ऐसे व्यक्ति को अधिकृत करें जो “आप” के साथ बैठकर सभी 18 (दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़) सीटों पर भाजपा को हराने की रणनीति बना सके।
— Manish Sisodia (@msisodia) April 16, 2019
दरअसल, आम आदमी पार्टी दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी गठबंधन करना चाहती है. कांग्रेस सिर्फ दिल्ली में 4-3 के फॉर्मूले पर गठबंधन पर अडिग है. यही वजह है कि गठबंधन पर हां-ना, ना-हां की स्थिति बनी हुई है.
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गठबंधन को लेकर ट्वीट कर कहा था, ''दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन का मतलब बीजेपी का सूपड़ा साफ होना है. यह सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस आप को चार सीटें देने की इच्छुक है. परन्तु केजरीवाल जी ने एक और यूटर्न ले लिया है.''
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राहुल के ट्वीट के ठीक बाद केजरीवाल ने भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, ''कौन सा U-टर्न? अभी तो बातचीत चल रही थी. आपका ट्वीट दिखाता है कि गठबंधन आपकी इच्छा नहीं मात्र दिखावा है. मुझे दुःख है आप बयानबाज़ी कर रहे हैं.''
दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर 12 मई को पांचवें चरण में वोट डाले जाएंगे. इसके लिए नामांकन प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने भी दिल्ली में उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. शायद बीजेपी को आप-कांग्रेस गठबंधन पर अंतिम फैसले का इंतजार हो.