लोकसभा चुनाव 2019: रविकिशन ने कहा, 'मैं गोरखपुर के लिए बाहरी प्रत्याशी नहीं'
बता दें कि साल 2009 में सिटिंग एमपी योगी आदित्यनाथ ने 4,03,156 वोट के साथ जीत हासिल की थी. वहीं बसपा के विनय शंकर तिवारी 1,82,885 वोट के साथ दूसरे और सपा के मनोज तिवारी को 83,059 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा था.
नई दिल्ली: गोरखपुर से बीजेपी के प्रत्याशी घोषित होने के बाद पहली बार रविकिशन उत्तर प्रदेश के लखनऊ पहुंचे. एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में रवि किशन ने कहा, '' वो गोरखपुर के लिए कोई बाहरी प्रत्याशी नहीं हैं, उनका पैतृक गांव गोरखपुर में ही है. रवि किशन ने कहा, ''इस चुनाव में बाहरी का कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने दावा किया कि वो ऐतिहासिक मतों से गोरखपुर सीट से चुनाव जीत रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके नाम के आगे शुक्ला टाइटल मीडिया के लोग लगा रहे हैं, हर कोई जानता है कि वो गोरखपुर के मामखोर गांव के शुक्ला हैं.''
रविकिशन ने कहा, मैं पीएम नरेंद्र मोदी के लिए आया हूं. मैं गोरक्षनाथ बाबा का चौकीदार बनने आया हूं.
रविकिशन ने कहा कि अभी वो लखनऊ आये हैं, यहां योगी आदित्यनाथ से मिलकर उनका आशीर्वाद लेंगे और योगी के आदेश के अनुसार गोरखपुर जाएंगे. आज़म ख़ान के बयान पर उनपर लगे प्रतिबंध से अनभिज्ञ रवि किशन को जब बताया गया कि आज़म पर भी 72 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया है, तो उन्होंने कहा कि आज़म पर 72 घंटे का नहीं बल्कि आजीवन प्रतिबंध लगाना चाहिए. ऐसे नारी का कोई अपमान करता है क्या.
गोरखनाथ मंदिर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मानी जाने वाली सीट पर बीजेपी ने अभिनेता रविकिशन शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन, सीएम योगी की सीट पर उनके जीत की राहें इतनी आसान नहीं है. इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए उन्हें हर वर्ग के साथ पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता और आमजन को भी प्रभावित करना होगा. क्योंकि ये वही सीट है, जहां से फिल्म अभिनेता मनोज तिवारी को योगी आदित्यनाथ के हाथों शिकस्त खानी पड़ी थी. लेकिन, इस बार फर्क बड़ा है. मनोज तिवारी सपा के टिकट पर बीजेपी के सिटिंग एमपी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़े थे और इस बार रविकिशन उसी बीजेपी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट पर बीजेपी के ही टिकट पर रण में बिगुल फूंकने को तैयार हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सदर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार बने रवि किशन शुक्ल का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. वे जब जौनपुर से मुंबई जा रहे थे, तो महज 17 साल के थे. उनकी मां ने उन्हें उस जमाने में 500 रुपए दिए थे. लेकिन, तब वे भी नहीं जानती थीं कि उनका बेटा बॉलीवुड के साथ भोजीवुड और टॉलीवुड का स्टार बनेगा. लेकिन, सफलता ने उनके भाग्य को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया. ‘जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा’ जैसे डॉयलॉग ने उन्हें रातोंरात सुर्खियों में ला दिया था.
साल 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थामकर जौनपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा. लेकिन, भाजपा प्रत्याशी कृष्ण प्रताप सिंह से हार का सामना करना पड़ा. साल 2017 में वे कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. अब उन्हें भाजपा ने गोरखपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है. जिस सीट पर पूरे देश ही नहीं, बल्कि विदेश में बैठे लोगों की भी नजर टिकी हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है. ऐसे में उनको जीतकर खुद को साबित करना होगा. वहीं भाजपा की प्रतिष्ठा को भी बचाना होगा.
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