नोएडा: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र में एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता महेश शर्मा अपने काम काज के दम पर चुनाव मैदान में हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस सीट को फतह करने के लिए युवा अरविंद कुमार सिंह को मैदान में उतारा है और इन दोनों को टक्कर देने के लिए सपा बसपा गठबंधन ने सतवीर नागर को प्रत्याशी बनाया है.
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यह जिला ऊंचे ऊंचे अपार्टमेंट, एक्सप्रेसवे, आलीशान कॉर्पोरेट कार्यालयों और नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल के लिए जाना जाता है, जबकि किसानों की भूमि अधिग्रहण, निजी स्कूलों में उच्च शुल्क, बेरोजगारी, फ्लैट खरीदारों और सड़क यातायात से संबंधित मुद्दे इस लोकसभा क्षेत्र में है जिसकी एक बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में है जो 1186 गांवों में फैला है.
यह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पूरे नोएडा, दादरी, जेवर, खुर्जा, सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र तक फैला हुआ है. खुर्जा और सिकंदराबाद प्रदेश के बुलंदशहर जिले में आता है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी नेता यहां चुनाव प्रचार करने के लिए रैलियों को संबोधित कर चुके हैं जिनके भाषणों में 'आतंकवाद', 'पाकिस्तान' और 'मोदी फैक्टर' मुख्य बिंदू थे.
महेश शर्मा ने कहा, ''मैं इस क्षेत्र में 2014 से 50 हजार करोड़ रुपये की परियोजना लेकर आया हूं. इनमें जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल संपर्क, खुर्जा में बिजली संयंत्र शामिल हैं, और अभी बहुत कुछ करना बाकी है.''
शर्मा के लिए सबसे बड़ा संभावित खतरा बसपा के सतबीर नागर हैं क्योंकि वह सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त उम्मीदवार हैं. इस बार उन्हें आम आदमी पार्टी का भी समर्थन मिल रहा है.
कांग्रेस के अरविंद सिंह मुकाबले में हैं लेकिन उन पर बाहरी होने का ठप्पा लगा है क्योंकि उनके पिता अलीगढ़ के बीजेपी नेता हैं. उन्होंने बताया कि वह जिन क्षेत्रों पर फोकस करेंगे उनमें नौकरी का सृजन, कृषकों में असंतोष, महिला सुरक्षा, निजी स्कूलों की फीस पर रोक शामिल है.
इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 22 लाख से अधिक मतदाता हैं. 2014 के बाद से तीन लाख 11 हजार लोगों के नाम मतदाता सूची में जुड़े हैं. जिला प्रशासन का कहना है कि इनमें से अधिकत फ्लैट खरीदार और श्रमिक हैं.
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पिछले लोकसभा चुनाव में शर्मा ने कुल मतदान का 50 फीसदी मत हासिल किया था और उन्होंने सपा के नरेंद्र भाटी को दो लाख 80 हजार मतों से हराया था.बीएसपी को जहां एक लाख 98 हजार मत मिले थे वहीं कांग्रेस को केवल 12 हजार से कुछ अधिक मतों से संतोष करना पड़ा था.