Lok Sabha Elections 2024: असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन (AIMAIM) बिहार में 15 या उससे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी ने गुरुवार (28 मार्च, 2024) को पांच और सीटों पर चुनाव लड़ने से जुड़ी घोषणा की. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बताया- हमारी पार्टी ने पहले 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था लेकिन जनता के आग्रह पर पांच सीटों को और हम लोगों ने बढ़ाया है, जिनमें गोपालगंज, शिवहर, दरभंगा, बाल्मीकि नगर और मधुबनी हैं. पार्टी ने अब तक 15 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. अभी मधुबनी सीट पर हमारी पार्टी विचार कर रही है. वहां के लोगों ने आग्रह किया है इसलिए हम मधुबनी सीट से भी लड़ सकते हैं.
बिहार की 40 सीटों में जिन 15 सीटों पर अभी तक AIMAIM ने प्रत्याशी उतारे हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं: किशनगंज, काराकाट, दरभंगा, पाटलिपुत्र, शिवहर, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, बाल्मीकि नगर और सीतामढ़ी. AIMAIM इनमें कई सीटों पर उम्मीदवार भी उतार चुकी है. किशनगंज सीट से खुद अख्तरुल इमाम चुनाव लड़ेंगे.
AIMIM के 50% प्रत्याशी हिंदू- अख्तरुल ईमान
बिहार एआईएमआईएम के चीफ ने बताया कि अभी और भी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का विचार पार्टी कर सकती हैं लेकिन अभी तक 15 सीटों पर ही आलाकमान की मुहर लगी है. सभी सीटों पर मजबूती से हमारी पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे और जीत भी हासिल करेंगे. यह कोई नहीं कह सकता है कि हमारी पार्टी सिर्फ मुस्लिम को ही आगे करती है. हमने जो प्रत्याशी उतारे हैं, उसमें 50% हिंदू परिवार से प्रत्याशी हैं.
क्या है असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का लक्ष्य? जानिए
अख्तरुल इमाम ने बताया कि जिस तरह इंडिया गठबंधन का एक ही लक्ष्य है कि बीजेपी को सत्ता में नहीं आने देना है, वैसे ही हमारा भी लक्ष्य है. हमारी पार्टी हर संभव प्रयास करती है कि बीजेपी को सत्ता में आने से रोकना है लेकिन जो लोग अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने की बात करते हैं, वे हमें दरकिनार करके चलते हैं.
"I.N.D.I.A. गठजोड़ में AIMIM को नहीं किया गया शामिल"
ओवैसी की पार्टी के नेता ने दावा किया, "हमने कई बार मिन्नतें कीं कि हमें इंडिया गठबंधन का पार्टनर बनाओ. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी कई बार इंडिया गठबंधन में शामिल होने के लिए बात की. हम भी वोटों का बिखराव नहीं चाहते हैं पर हमें शामिल नहीं किया गया है. यही वजह है कि हमें अकेले चुनाव लड़ना पड़ रहा है. हमारी पार्टी के चार विधायकों को तोड़कर शामिल किया गया. फिर भी हम नाराज नहीं हैं लेकिन अभी वक्त कुछ और था लेकिन ये लोग सिर्फ मुस्लिम के नाम पर वोट लेना जानते हैं मगर उन्हें इज्जत और सम्मान नहीं देना चाहते हैं."
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