Lok Sabha Elections 2024: 400 के लक्ष्य में बीजेपी के सहयोगी दलों की कितनी होंगी सीटें? BJP के राष्ट्रीय महासचिव ने किया ये दावा
Elections 2024: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि भाजपा ने सात चरण के चुनावों के लिए एक स्पष्ट रणनीति के साथ अच्छी योजना बनाई है कि कब कौन सा मुद्दा उठाया जाना चाहिए.
Lok Sabha Elections 2024 Latest News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी को और गठबंधन सहयोगियों को मिलने वाली सीटों को लेकर बड़ा दावा किया है. तावड़े का कहना है कि बीजेपी को जहां 340 से 355 सीटें मिलेंगी तो वहीं गठबंधन सहयोगियों को 70 से अधिक सीटें मिलेंगी.
उन्होंने कहा कि इस तरह लोकसभा चुनाव में एनडीए का 400 प्लस का लक्ष्य हकीकत बन सकता है. विनोद तावड़े ने कहा कि भाजपा ने सात चरण के चुनावों के लिए एक स्पष्ट रणनीति के साथ अच्छी योजना बनाई है कि कब कौन सा मुद्दा उठाया जाना चाहिए. अभी तक सब कुछ योजना के अनुसार लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि जब भी विपक्ष ने कुछ आरोप लगाए, उनका उचित जवाब दिया गया.
चुनाव से पहले बनाई थी खास रणनीति
लोकसत्ता न्यूजपेपर के संवाद कार्यक्रम में विनोद तावड़े ने कहा कि बीजेपी ने सबसे ज्यादा ऐसे 160 निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया था, जिन पर वह कभी जीत नहीं पाई थी या इस बार जीतना मुश्किल था. उन्होंने कहा कि अब पार्टी की ओर से किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम आएंगे. ऐसी 160 सीटों में से बीजेपी 60 से 65 सीटें जीतेगी.
बीजेपी ने कांग्रेस के दोहरे चरित्र को उजागर किया
कार्यक्रम में उन्होंने इस बात से इनकार किया कि पीएम मोदी वोटों के ध्रुवीकरण के लिए हिंदू बनाम मुस्लिम विभाजन पर प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस नेता विजय वड्डेतिवार ही थे जिन्होंने आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या में अजमल कसाब को क्लीन चिट दी थी. उन्होंने कहा कि भाजपा ने सिर्फ उनके आरोपों का जवाब दिया है, बल्कि कांग्रेस के दोहरे चरित्र को उजागर कर दिया है.
बिहार में एक सीट का हो सकता है नुकसान
उन्होंने बताया कि भाजपा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति में सुधार करेगी. गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में यह अपनी अधिकतम संख्या बरकरार रखेगी, जबकि बिहार में एक सीट कम होने की संभावना है. उन्होंने ये भी कहा कि मुस्लिम वोट पाने की शिवसेना (यूबीटी) की कोशिश उसके कैडर को पसंद नहीं आएगी.
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