Lok Sabha Elections: बीजेपी को अपने राष्ट्रीय संगठन में क्यों पड़ी बदलाव की जरूरत, 2024 के चुनाव को लेकर क्या हैं इसके मायने?
Indian General Election 2024: बीजेपी को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बड़े फेरबदल की जरूरत क्यों पड़ी और संगठन में इस बदलाव के क्या हैं राजनीतिक मायने?
Bjp National Executive: भारत की 18वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव 2024 में होने हैं. अगले वर्ष अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनाव के बावजूद बीजेपी को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बड़े फेरबदल की क्यों जरूरत पड़ी. संगठन में इस बदलाव के राजनीतिक मायने क्या हैं? यह जानने के लिए संगठन के पदाधिकारियों के क्षेत्र, जाति और वोटरों में उनकी पकड़ का आकलन करना बहुत जरूरी हो जाता है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (जेपी नड्डा) ने 38 सदस्यों की संगठन की नई कार्यकारिणी बनाई है. इसमें 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, 8 राष्ट्रीय महामंत्री और 13 राष्ट्रीय सचिव हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश के अलावा, कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल और सह कोषाध्यक्ष नरेश बंसल शामिल हैं.
सबसे अधिक महत्व यूपी को मिला
जेपी नड्डा की सूची पर अगर नजर डाली जाए तो सर्वाधिक महत्व सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को दिया गया है. उसकी तीन प्रमुख वजह हैं. नंबर एक देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ यहां वोटरों की संख्या भी सबसे अधिक है. दूसरा सर्वाधिक लोकसभा सीटें (80) इसी प्रदेश में हैं. नंबर तीन और सबसे अहम जातिगत वोटों को यहां साधना बीजेपी के लिए बहुत जरूरी है. बिहार के बाद यूपी ही ऐसा दूसरा राज्य है जिसमें जातिगत वोटों की राजनीति सत्ता निर्माण में अहम भूमिका निभाती है. बीजेपी को 2014 (71) की तुलना में 2019 में (62) कम सीटें मिली थीं. इस बार वह इसकी भरपाई करना चाहती है.
बीजेपी इस बार मिशन 80 का लक्ष्य लेकर चल रही है. बीजेपी के सामने जातिगत समीकरण के साथ-साथ हर वर्ग को साधने की चुनौती भी है. इसीलिए इस प्रदेश से 3 उपाध्यक्ष, 2 महामंत्री और 1 राष्ट्रीय सचिव के साथ ही कोषाध्यक्ष के रूप में राजेश अग्रवाल को लिया गया है. राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष और राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री शिवप्रकाश की भी इस प्रदेश में महती भूमिका रहेगी. उपाध्यक्ष सांसद रेखा वर्मा पिछड़े वर्ग से आती हैं. वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई ब्राह्मणों का चेहरा हैं, जबकि तारिक मंसूर मुस्लिम पसमांदा (पिछड़ा वर्ग) का चेहरा बनेंगे.
यूपी में इस बार बीजेपी हिंदू वोटों के साथ-साथ पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के वोट बैंक को भी साधने में जुटी हुई है. यही वजह है कि उसने पसमांदा मुस्लिमों को आगे किया है. इसके अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश में गुर्जरों में अपनी पकड़ रखने वाले सांसद सुरेंद्र सिंह नागर को भी कार्यकारिणी में शामिल किया है. वहीं वैश्य समुदाय के चेहरे रूप में सांसद राधामोहन अग्रवाल व राजेश अग्रवाल होंगे और ठाकुर चेहरे में सांसद अरुण सिंह को राष्ट्रीय टीम में शामिल किया है.
महिलाओं का भी रखा सम्मान
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में महिलाओं ने बीजेपी के लिए बढ़-चढ़कर 50 फीसदी से अधिक वोट किया था. इसलिए कार्यकारिणी में आधी आबादी का भी पूरा ध्यान रखा गया है. पूरी कार्यकारिणी में 9 महिलाओं को स्थान मिला है. यूपी और महिलाओं के बाद छत्तीसगढ़ को भी महत्व दिया गया है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. इसलिए बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के अलावा सांसद सरोज पांडेय को ब्राह्मण और लता उसेंडी को आदिवासियों के प्रतिनिधित्व के रूप में स्थान दिया है.
तेलंगाना में सांसद संजय बंदी का कद बढ़ाया
तेलंगाना में पहले प्रदेश अध्यक्ष पद से संजय बंदी को हटाकर जी किशन रेड्डी को जुलाई की शुरुआत में प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था. बीजेपी ने संजय बंदी को राष्ट्रीय सचिव बनाकर उनका कद अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं में बढ़ा दिया है. बीजेपी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने की कोशिश की है कि बंदी क्षेत्रीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पटल पर पार्टी के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं. इसी तरह केरल में पूर्व कांग्रेसी एके एंटनी के पुत्र अनिल एंटनी को राष्ट्रीय सचिव बनाया है.
राजस्थान में वसुंधरा राजे का दम बरकरार
राजस्थान में तमाम अगर-मगर के बीच बीजेपी ने वसुंधरा राजे का कद बरकार रखा है. सुनील बंसल जैसे मजबूत संगठन के पदाधिकारी राष्ट्रीय महामंत्री बनाए गए हैं. इसके अलावा गुर्जरों के चेहरे रूप में डॉ. अल्का गुर्जर को भी राष्ट्रीय संगठन में जगह दी गई है. गुर्जरों का राजस्थान की राजनीति में बहुत अहम भूमिका रहती है. पिछले चुनाव 2019 में बीजेपी को गुर्जरों का 80 फीसदी के करीब वोट मिला था. हालांकि इस बार स्थिति कुछ बदली हुई दिख रही है. पिछली बार बीजेपी के सहयोगी हनुमान बेनीवाल इस बार अलग राह पर चल रहे हैं.
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