(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Elections 2024: वरुण गांधी के भविष्य पर संशय बरकरार पर पीलीभीत का इतिहास बदलना तय
Lok Sabha Elections 2024: वरुण गांधी का टिकट कटने के बाद यूपी के पीलीभीत में गांधी परिवार की विरासत खत्म होना लगभग तय है. कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है.
Lok Sabha Elections 2024: यूपी की पीलीभीत लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जितिन प्रसाद को टिकट दिया है, जबकि मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट कटा है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें नई जिम्मेदारी दी जाएगी. कांग्रेस ने भी वरुण गांधी को ऑफर दिया है. उनका भविष्य क्या होगा? फिलहाल यह तय नहीं हो पाया है पर पीलीभीत सीट का इतिहास बदलना तय है, जहां साल 1996 से गांधी परिवार का कब्जा रहा है. वहां से वरुण गांधी की मां मेनका गांधी छह बार सांसद बन चुकी हैं, जबकि खुद वरुण गांधी दो बार वहां से एमपी चुने गए हैं.
वरुण गांधी के भविष्य को लेकर सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि बीजेपी उन्हें यूपी में शेष किसी मजबूत सीट से टिकट दे सकती है. यह भी बताया गया कि उन्हें संगठन में कोई पद मिल सकता है, जबकि मां मेनका गांधी को टिकट मिला है. यही वजह है कि कहा जा रहा है कि वह इन दिनों चुप हैं और रिएक्शन नहीं दे रहे हैं. हालांकि, सही समय आने पर वह बड़ा फैसला कर सकते हैं. वरुण गांधी ने पीलीभीत सीट से नामांकन भरने के लिए पर्चा खरीदा था लेकिन उन्होंने नामांकन किया नहीं.
गांधी परिवार का गढ़ है पीलीभीत
पीलीभीत लोकसभा सीट पर मेनका गांधी ने पहली बार 1989 में चुनाव जीता था. 1996 में वह दूसरी बार वहां से सांसद बनीं और लगातार जीत हासिल करती रहीं. 2009 में पहली बार वरुण गांधी ने इस सीट से चुनाव लड़ा और वह भी वहां से जीते. 2014 में फिर मेनका वहां से सांसद चुनी गईं और 2019 में वरुण गांधी ने चुनाव जीता. अब वरुण या मेनका दोनों इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. ऐसे में 1996 के बाद से पहली बार इस सीट पर गांधी परिवार का कोई सदस्य सांसद नहीं होगा.
वरुण गांधी का घटा कद!
2013 में वरुण गांधी को बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था. उन्हें पश्चिम बंगाल में पार्टी का प्रभारी भी बनाय गया. फिलहाल उनका नाम यूपी बीजेपी के बड़े नेताओं में था और वह मुख्यमंत्री बनने की रेस में भी थे. हालांकि, अपनी ही सरकार के खिलाफ उन्होंने कई मौकों पर बयान दिए और सरकार विरोधी किसान आंदोलन में शामिल हुए. ऐसा माना जाता है कि इसी वजह से पार्टी अंदरखाने में उनका कद लगातार कम होता चला गया और इसी कड़ी में अब लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया.
यह भी पढ़ेंः Lok Sabha Elections 2024: आ गई BJD उम्मीदवारों की लिस्ट, देखिए कहां से किसे मिला टिकट