Lok Sabha Elections: 2024 के चुनाव में सिर्फ जीतना नहीं, ये है पीएम मोदी का असली टारगेट, पूरा हुआ तो बन जाएगा इतिहास
Lok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी लगातार दक्षिण भारत का रुख कर रहे हैं. बीजेपी ने कई पुराने सहयोगियों के साथ साउथ में गठबंधन किया है.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी 400 पार के लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में है. पीएम मोदी अपने गारंटी वाले नारे के साथ रैलियों का आगाज कर रहे हैं. माना ये जा रहा है कि प्रधान मंत्री मोदी इस बार इतिहास रचना चाहते हैं, क्योंकि आजादी के बाद से अभी तक किसी भी पार्टी को 50 फीसदी वोट शेयर नहीं मिला है. पीएम मोदी इस बार 50-50 के लक्ष्य को लेकर चुनावी समर में कूद गए हैं.
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 37.70 फीसदी वोट मिले थे, ऐसे में 50 फीसदी वोट के लिए 12.30 फीसदी वोट शेयर की खाईं को पाटना होगा. लेकिन बीजेपी के लिए यह लक्ष्य काफी बड़ा है, ऐसे में बीजेपी पूरी ताकत से इस चुनावी समर में पांतरे भांज रही है. लोक सभा चुनाव 2014 और 2019 दोनों में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया और एनडीए गठबंधन भी बरकरार रहा.
सभी प्रदेशों को दिया गया है 50 फीसदी का लक्ष्य
बीजेपी ने अकेले 370 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है, साथ ही एनडीए को भी मजबूत करने में लगी हैं. पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए के लिए 400 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है बीजेपी इतिहास रचने के लिए 50 फीसदी आंकड़े को पार करना चाहती है. ऐसे में सभी प्रदेशों को लक्ष्य दिया गया है.
लोक सभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 436 सीटों पर चुनाव लड़ा और 303 सीटों पर जीत हासिल की. ऐसे में बीजेपी का स्ट्राइक रेट 69 फीसदी रहा. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 50 फीसदी वोट शेयरिंग के लिए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 535 सीटों पर चुनाव लड़ना होगा या फिर 2019 के स्ट्राइक रेट से ऊपर आना होगा. लेकिन बीजेपी को सहयोगी दलों को भी सीटें देनी हैं, ऐसे में बीजेपी को कम से कम 495 सीटों पर चुनाव लड़ना होगा और 75 फीसदी स्ट्राइक रेट रखना होगा.
दक्षिण भारत में मजबूती से काम कर रही बीजेपी
दूसरी तरफ दक्षिण भारत में बीजेपी आज भी कमजोर है, ऐसे में पीएम मोदी लगातार साउथ का रुख कर रहे हैं. बीजेपी ने कई अपने पुराने सहयोगियों के साथ साउथ में गठबंधन किया है. माना ये जा रहा है कि अगर बीजेपी ने 50 फीसदी वोट का आंकड़ा पार कर लिया तो देश में सिर्फ बीजेपी ही रह जाएगी. विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं का मनोबल नीचे चला जाएगा. ऐसे में बीजेपी 'हिंदू राष्ट्र' का भी मुद्दा सामने ला सकती है.
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