Chunavi Kissa: रथ यात्रा के हीरो एलके आडवाणी पर जब भारी पड़े थे सुपरस्टार राजेश खन्ना, बाद में हो गया था खेला!
Lok Sabha Elections 2024: हर लोकसभा चुनाव में बड़ी हस्तियां चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमाती हैं. इसी तरह एक बार लाल कृष्ण आडवाणी को सुपरस्टार राजेश खन्ना ने जोरदार टक्कर दी थी. पढ़िए चुनावी किस्सा
Lok Sabha Elections Chunavi Kissa: देश में लोकसभा के कई ऐसे चुनाव हुए हैं, जिनमें राजनीति से इतर आम से लेकर खास लोग तक नजर आए हैं. कभी खिलाड़ी तो कभी सिनेस्टार, कुछ मौकों पर तो ये सेलिबिट्रीज नेताओं पर चुनावी मैदान में हावी दिखे. ऐसा ही एक किस्सा है, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नायक पर बॉलीवुड के सुपरस्टार राजेश खन्ना भारी पड़े थे. हालांकि, बाद में लाल कृष्ण आडवाणी ने ही बाजी जीती थी. आइए, जानते हैं यह रोचक चुनावी किस्साः
बात साल 1991 की है. चुनाव तब राम मंदिर के आंदोलन के तहत होने वाली रथ यात्रा के बाद हो रहे थे. लाल कृष्ण आडवाणी इस यात्रा में अगुवा की भूमिका में थे. वह इस आंदोलन के जरिए बीजेपी के नायक के रूप में उभरे थे. लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व वाली रथ यात्रा गुजरात के सोमनाथ से शुरू हुई थी, जिसे बाद में बिहार में रोक लिया गया था और लाल कृष्ण आडवाणी गिरफ्तार कर लिए गए थे. बीजेपी ने इसके बाद वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. नतीजतन कांग्रेस की मदद से चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने थे और बीच में ही चुनाव की नौबत आ गई और तब मध्यावधि चुनाव का ऐलान हुआ था.
एलके आडवाणी के सामने राजेश खन्ना ने यूं झोंक दिया था दम
लाल कृष्ण आडवाणी ने नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उनके सामने अभिनेता राजेश खन्ना थे. फैंस के बीच काका के नाम से मशहूर सुपरस्टार की एक झलक के लिए तब लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था. वह भी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतर गए थे. यहां तक कि पत्नी डिंपल कपाड़िया और बेटी भी चुनाव प्रचार में शामिल होने लगी थीं. ऐसे में लाल कृष्ण आडवाणी और उनके करीबी को अंदाजा हो गया था कि यह चुनाव बीजेपी के लिए आसान नहीं होने वाला है, लिहाजा चुनाव प्रचार के आखिरी हफ्तों में एलके आडवाणी ने घूम-घूम कर पूरे क्षेत्र में प्रचार किया था.
मतगणना में पहले आगे थे सुपरस्टार, बाद में हो गया था खेला!
इसी बीच, कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं को एहसास हुआ कि अगर राजेश खन्ना एलके आडवाणी को चुनाव हरा देते हैं तो पार्टी में उनका कद बढ़ जाएगा. इन सब बातों के बीच कांग्रेस नेताओं ने खुद के प्रत्याशी को हराने के लिए रातों-रात वोटरों का मन बदलने का तब पूरा प्रबंध किया था. हालांकि, चुनावों के बाद जब मतगणना हुई तो शुरुआत में राजेश खन्ना ने मामूली अंतर से बढ़त बना ली थी. गिनती के आखिरी राउंड में भी राजेश खन्ना ने जब बढ़त बनाई तो उनके समर्थकों ने जीत का जश्न मानना शुरू कर दिया था पर जब परिणाम आए तो लाल कृष्ण आडवाणी मात्र एक हजार 589 वोटों से जीते थे.
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