Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने मंगलवार (13 मार्च) को उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में पार्टी ने असम, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों से 43 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है.


लिस्ट में कमलनाथ के बेटे नकुल का नाम शामिल है, जो मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के बेटे वैभव गेहलोत राजस्थान के जालौर से ताल ठोकेंगे. पार्टी ने गौरव गोगोई को असम के जोरहाट से मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए राहुल कस्वा राजस्थान के चुरू से चुनाव लड़ेंगे.


लिस्ट में कितनी मुस्लिम
लिस्ट में शामिल 43 उम्मीदवारों में से 10 जनरल कैटेगरी, 13 ओबीसी, 10 एससी उम्मीदवार, 9 एसटी उम्मीदवार और 2 मुस्लिम समुदाय से हैं. दूसरी लिस्ट में कांग्रेस ने हाफिज रशीद अहमद चौधरी को असम की करीमगंज सीट से टिकट दिया है. वहीं रकीब उल हसन को धुबरी सीट से मैदान में उतारा है.


कौन हैं हाफिज रशीद?
करीमगंज संसदीय सीट से कांग्रेस की मुस्लिम प्रत्याशी हाफिज रशीद अहमद चौधरी पिछले साल 20 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. वह पेशे से वकील हैं और एआईयूडीएफ पार्टी में बड़े पद पर शामिल थे. माना जाता है कि रशीद की पकड़ करीमगंज के मुस्लिम वोटरों के अलावा दूसरी जातियों पर भी है. 


कांग्रेस के बड़े नेता हैं रकीबुल हसन
धुबरी से मुस्लिम प्रत्याशी रकीबुल हसन असम में कांग्रेस के बड़े नेता में शुमार हैं. वह साल 2001 में पहली बार सामागुरी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव जीतकर असेंबली पहुंचे. उन्होंने 2004, 2006 और 2011 में वह तरुण गोगोई सरकार में असम की कई बड़े मंत्रालयों की भी जिम्मेदारी संभाली है.


पहली लिस्ट में 39 उम्मीदवार
इससे पहले पहली लिस्ट में कांग्रेस ने 39 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था. पहली लिस्ट में सामान्य वर्ग के15 प्रत्याशियों को टिकट दिया था, जबकि बाकी 24 कैंडिडेट्स अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के थे. 


पहली लिस्ट में भी एक मस्लिम कैंडिडेट को टिकट
पार्टी ने पहली लिस्ट में एकलौते मुस्लिम मोहम्मद हमदुल्लाह सईद को लक्ष्यद्वीप से टिकट दिया था. वह 2009 में लक्षद्वीप से पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. इसके बाद उन्होंने 2014 और 2019 में भी चुनाव लड़ा. हालांकि, दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.


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