Lok Sabha Elections 2024:  लोकसभा चुनाव देखते ही देखते अब अपने आखिरी दौर में आ चुका है. यूपी में 6 फेज की वोटिंग हो चुकी है. 1 जून को 7वें फेज की बची हुई 13 सीटों पर वोटिंग होनी है और फिर 4 जून को नतीजे आएंगे. ऐसे में हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक है कि यह चुनाव आखिर किस तरफ जा रहा है. नई सरकार की तस्वीर क्या बनती हुई नजर आ रही है. 


CSDS-लोकनीति के को-डायरेक्टर प्रोफेसर संजय कुमार ने ‘यूपी तक’ बातचीत में उत्तर प्रदेश के नतीजों को लेकर अनुमान लगाया है. उन्होंने कहा कि जनवरी में जब राम मंदिर का उद्घाटन किया तो ऐसा लग रहा था कि यूपी में भाजपा आराम से 70 से ज्यादा सीटें ले जाएगी. पर जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया चुनाव बिलकुल अलग दिखने लगा. भाजपा अभी पहले वाली स्थिति में नहीं नजर आ रही है. मायावती ने इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की पर वो उसमें कामयाब होते नहीं दिख रही हैं. मायावती को कोर वोटर दलित भी उनसे कहीं ना कहीं दूर जाता दिखा है और इसका सीधा फायदा सपा-कांग्रेस गठबंधन को जाता दिखा है.


संजय कुमार के मुताबिक, अब वोटर काफी जागरूक है और उसे पता है कि उसका वोट कहां खराब हो रहा है. इस चुनाव में मायावती के साथ कुछ ऐसी ही स्थिति देखी जा सकती है. उन्होंने आगे कहा कि 'यूपी में बीजेपी 2019 में जहां थी लगभग इस चुनाव में भी वहीं नजर आ रही है, उसकी एक दो सीटें इधर-उधर हो सकती है. वहीं गठबंधन को कुछ फायदा होता नजर आ रहा है.'


2019 में यूपी में भाजपा नीत NDA ने 64 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस चुनाव को सपा और बसपा ने मिलकर लड़ा था. तब बसपा को 10 और सपा को 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. वहीं, कांग्रेस ने एकमात्र रायबरेली सीट पर फतह हासिल की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मिले वोट शेयर का हिसाब देखा जाए तो भाजपा को 49.6 फीसदी वोट मिले थे. जबकि दूसरे स्थान पर बसपा को यूपी में 19.3 फीसदी और तीसरे स्थान पर रहने वाली सपा को 18 फीसदी वोट हासिल हुए थे.