Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले किए गए सर्वे में सामने आया है कि आम चुनाव में देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दे अहम हैं. मतदाता इन्हीं मुद्दों पर वोटिंग कर सकते हैं. विपक्षी दल पहले से ही बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे उठा रहे हैं, लेकिन सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि राम मंदिर की लहर के चलते वह भारी बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी. ऐसे में यह सर्वे बीजेपी के लिए परेशान करने वाला हो सकता है.
सीडीएस लोकनीति प्री पोल सर्वे में सामने आया है कि बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और बिगड़ती आर्थिक स्थिति मतदाताओं के लिए अहम हैं और इन्हीं मुद्दों पर वह मतदान कर सकते हैं.
गरीब-मध्यमवर्ग पर ज्यादा असर
अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलाव का असर सबसे ज्यादा गरीब और मध्यवर्ग पर है. संपन्न वर्ग पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं है. सूचकांक दर्शाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था सही राह पर है, लेकिन मतदाता अपने ऊपर पड़ रहे असर को महसूस कर रहे हैं. सर्वे में दो तिहाई से ज्यादा लोगों ने माना कि पहले की तुलना में अब नौकरी हासिल करना मुश्किल हो गया है. शहरी पुरुषों में इसकी संख्या ज्यादा है. तीन चौथाई लोग बेरोजगारी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार मानते हैं.
गरीबों को हो रही परेशानी
दो तिहाई लोग मानते हैं कि पिछले 5 साल में महंगाई बढ़ी है. ग्रामीण इलाकों के गरीब लोग इससे ज्यादा प्रभावित हैं, जबकि शहर के मध्यम वर्ग और संपन्न वर्ग में इसका ज्यादा असर नहीं है. अधिकतर लोग महंगाई बढ़ने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार मानते हैं. 2019 की तुलना में ज्यादा लोग मानते हैं कि अब वह अपना खर्च निकालने के बाद बचत कर पाते हैं, लेकिन 50 फीसदी गरीब मानते हैं कि उन्हें अपना घर चलाने में परेशानी हो रही है. वहीं, मध्यम वर्ग या संपन्न वर्ग में ऐसे लोगों की संख्या कम है. 50 फीसदी लोग मानते हैं कि बेरोजगारी और महंगाई आगामी चुनाव में सबसे अहम मुद्दे होंगे. 2019 में छह में से सिर्फ एक आदमी इन मुद्दों को अहमियत दे रहा था, लेकिन 2024 में स्थिति बदल गई है.