Lok Sabha Elections 2024: शराब, ड्रग्स से कैश तक, अब तक इलेक्शन में कितनी हुई जब्ती, चुनाव आयोग ने सामने रखी पूरी डिटेल
EC Recovered Drugs of 9000 Crore: चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को बताया गया कि उन्होंने 1 मार्च से अब तक करीब 9,000 करोड़ रुपये शराब, ड्रग्स, कीमती चीजें, नकदी और अन्य मुफ्त चीजें जब्त की है.
लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान के अब भी तीन चरण बाकी है. इसी बीच चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को बताया गया कि उन्होंने 1 मार्च से अब तक करीब 9,000 करोड़ रुपये शराब, ड्रग्स, कीमती चीजें, नकदी और अन्य मुफ्त चीजें जब्त की है.
देशभर से एजेंसियों द्वारा कुल 8,889 करोड़ रुपये की राशि में से 3,958 करोड़ रुपये का ड्रग्स है. 849.15 करोड़ रुपये की नकदी है. 814.85 करोड़ रुपये की 5.39 करोड़ लीटर शराब है. 1,260.33 करोड़ रुपये की कीमती मेटल्स हैं. 2,006.56 करोड़ रुपये की मुफ्त चीजें हैं. ये सब कुछ मतदाताओं में बांटा गया था.
गुजरात में हुई सबसे ज्यादा जब्ती
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से सबसे ज्यादा जब्ती गुजरात में हुई, जो कि 1,461.73 करोड़ रुपये की थी. गुजरात एटीएस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और भारतीय तटरक्षक बल द्वारा हाल ही में अभियान चलाया गया था, जिसमें ये 3 दिनों में 892 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त किए गए हैं.
इन राज्यों में हुई ड्रग्स की जब्ती
चुनाव आयोग का कहना है कि मादक पदार्थों और अन्य ड्रग्स की जब्ती पर ज्यादा जोर दिया गया. आंकड़ों के विश्लेषण किया गया, जिससे ये पता चला कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रग्स के अड्डे बनते जा रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में सबसे अधिक ड्रग्स की जब्ती हुई है, जो कि 1,187.80 करोड़ रुपये की है. इसके बाद पंजाब से 665.67 करोड़ के ड्रग्स की जब्ती हुई, दिल्ली से 358.42 करोड़ रुपये की और तमिलनाडु से 330.91 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है.
cVigil app पर मिली 4 लाख से अधिक शिकायतें
चुनाव आयोग का कहना है कि उनके cVigil app पर अब आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर 4.24 लाख शिकायतें मिली. cVigil app पर लोग अवैध प्रचार, फ्री बीस के साथ साथ आचार संहिता के उल्लंघनों की फोटो भी अपलोड कर सकते हैं.
409 मामले प्रक्रिया में
हालांकि, इस एप में राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ र्ज की गई शिकायतें शामिल नहीं हैं. इस एप में दी गई शिकायत सीधे चुनाव आयोग के पास जाती है या फिर संबंधित राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के पास दर्ज की जाती हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि, अब तक जितनी भी शिकायतें उनके पास आई हैं, उसमें से अब तक 4,23,908 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है. अब 409 मामले प्रक्रिया में हैं. चुनाव आयोग का वादा था कि 89% शिकायतों का निपटारा 100 मिनट के भीतर किया गया.
16 मार्च से लेकर 15 मई तक के रिकार्ड
इस एप में अब तक 3.24 लाख ऐसी शिकायतें हैं, जिसमें बिना अनुमति के पोस्टर या बैनर लगाए गए हैं. 16 मार्च को चुनाव घोषणा से लेकर 15 मई तक cVigil एप को संपत्ति को नुकसान करने को लेकर भी 14,022 शिकायतें मिली है. नकदी, शराब को लेकर 7,022 शिकायतें मिली. वहीं मतदान के पहले प्रचार करने को लेकर 4,742 शिकायतें मिली. मतदान के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार की अनुमति नहीं होती है. धार्मिक या सांप्रदायिक भाषणों देने वाली 2,883 शिकायतें, धमकी देने वाली 2,430 शिकायतें एप में दर्ज की जा चुकी है.