NRI Voters of India: भारत में 18 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को वोट डालने का अधिकार है. बस शर्त इतनी होती है कि उस नागरिक ने भारत की नागरिकता न छोड़ी हो. आइए जानते हैं क्या कहते हैं इससे जुड़े देश के नियम और कानून?


भारत में 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान हो चुका है. इसके तहत पूरे देश में 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. पहला चरण 19 अप्रैल 2024 को शुरू होगा और आखिरी चरण की वोटिंग 1 जून को संपन्न होगी. जिसके बाद 4 जून को एक साथ सभी जगहों के नतीजे सामने आएंगे. 


ऐसे में बड़ा दिलचस्प सवाल ये उठता है कि क्या विदेश में रह रहे भारतीय भी इस लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकते हैं या नहीं? तो चलिए जानते हैं इसी सवाल का जवाब. देखिए विदेश में निवास कर रहे भारतीय नागरिकों को साल 2010 के पहले तक वोट डालने का अधिकार नहीं था. मौजूदा समय में इन्हें यह अधिकार तो मिल गया है पर उसके साथ नियम यह जुड़ा है कि प्रवासी भारतीयों को वोट डालने बूथ पर ही उपस्थित होना होगा. 


इसलिए काफी लंबे समय से प्रवासी भारतीय रिमोट वोटिंग की मांग कर रहे हैं, ताकि वो जिस भी देश में रहे वहीं से भारत में हो रहे चुनाव में मतदान कर सकें. इस विषय को लेकर भारत के सर्वोच्च न्यायालय में भी कई याचिकाएं दायर हुई थी. जिसको लेकर चुनाव आयोग का कहना है कि रिमोट वोटिंग की व्यवस्था भी जल्द ही लागू कर दी जाएगी.  


क्या कहता है भारतीय कानून?


भारतीय नियमों के अनुसार भारत के बाहर रह रहे किसी भी नागरिक को तभी चुनाव में वोट डालने का मौका मिलता है, जब उसने देश की नागरिकता न छोड़ी हो मतलब ये कि उसके पास देश का पासपोर्ट होना चाहिए.


एक दशक पहले नहीं था NRI's को अधिकार


भारत में करीब एक दशक पहले तक यानी 2010 के पहले तक विदेश में रह रहे भारतीयों को वोट डालने का अधिकार नहीं था. तब कानून ये था कि अगर कोई भारतीय नागरिक छः महीने से ज्यादा समय तक विदेश में रहता है तो उसका नाम वोटर लिस्ट से हट जाएगा. इसके बाद साल 2010 में रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट में बदलाव कर दिया गया था. जिसके बाद NRI भारतीयों को मतदान का हक मिल गया पर एक समस्या भी सामने आ गयी. समस्या ये कि आरपी एक्ट की धारा 20A के अनुसार किसी भी व्यक्ति को वोट डालने के लिए बूथ पर आना अनिवार्य है, मतलब NRI's मतदान तो कर सकते हैं पर उनको बूथ पर जाकर ही वोट करना होगा. इसी कारण हर चुनाव में ज्यादातर NRI's मत का दान करने से वंचित रह जाते हैं.


विदेश में रह रहे ऐसे जुड़वा सकते हैं वोटर लिस्ट में नाम


देश का कोई भी नागरिक अगर पढ़ाई, नौकरी या किसी और कारण से विदेश में रह रहा है, तो वो वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकते है. इसके लिए 18 साल से ऊपर का कोई भी एनआरआई चुनाव आयोग की वेबसाइट https://voters.eci.gov.in/ पर जाकर न्यू रजिस्ट्रेशन फॉर ओवरसीज इलेक्टर्स का फॉर्म 6A भर सकता है, जिसके बाद कुछ ही दिनों में नाम जुड़ जाएगा. विदेश में लोग फॉर्म 6A को भारतीय दूतावास से भी फ्री में ले सकते हैं. वोटर्स लिस्ट मे नाम जुड़ने के बाद कोई भी प्रवासी भारतीय वोट डाल सकता है बस उसको बूथ पर अपने पासपोर्ट के साथ उपस्थित होना होगा.  


अभी नहीं है ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा 


किसी भी प्रवासी भारतीयों को फिलहाल ऑनलाइन वोट डालने की सुविधा नहीं है. मौजूदा समय में सिर्फ चुनाव ड्यूटी में लगे सरकारी कर्मचारी, सेना के जवान या विदेशों में काम करने वाले अधिकारी ही इलेक्ट्रॉनिकली या पोस्ट के जरिए वोट डालने के लिए सुविधायुक्त है. ऐसे वोटर्स को सर्विस वोटर्स भी कहा जाता है. 


ये सर्विस वोटर्स इलेक्ट्रॉनिकली ट्रासमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBS) के जरिए वोट डालते हैं. ETPBS का उपयोग करके सर्विस वोटर्स को पहले पोस्टल बैलेट भेज दिया जाता है. इसके बाद सर्विस वोटर्स इसको डाउनलोड करके अपने मतदान का उपयोग करते हैं और फिर ईमेल या पोस्ट के जरिए रिटर्निंग ऑफिसर को भेज देते हैं. 


चुनाव आयोग के आकड़ों के अनुसार, 2019 लोकसभा चुनाव में 18 लाख से ज्यादा पोस्टल बैलेट भेजे गए थे, जिनमें से 10.84 लाख सर्विस वोटर्स ने इन्हें भरकर भेजा था. यानी, ETBPS के जरिए तकरीबन 60 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े थे. चुनाव आयोग के मुताबिक वो ऐसी ही सुविधा NRI's के लिए तैयार कर रहे हैं पर अभी तक ये तैयार नहीं है. तीन साल पहले ही चुनाव आयोग ने इसको लेकर केंद्र सरकार के सामने प्रस्ताव भी रखा था. केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में बताया था की वो प्रवासी भारतीयों के लिए रिमोट वोटिंग की सुविधा शुरू करने पर विचार कर रही है और इसको जल्दी ही शुरू भी करेगी. 


करोड़ों में है NRI's की संख्या


भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, दुनियाभर के कोने-कोने में मौजूदा प्रवासी भारतीयों की संख्या करीब 1 करोड़ 36 लाख है. इसमें सबसे ज्यादा 34.19 लाख लोग यूएई में निवास करते हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका में 12.80 लाख भारतीय हैं. इनमे से चुनाव आयोग के मुताबिक सवा लाख भारतीय रजिस्टर्ड हैं.