Lok Sabha Elections: हिंदू और अपरकॉस्ट ही नहीं, बंगाल में ओबीसी-एसटी-एससी बने सबसे बड़ा हथियार पर क्या 2024 में होगा बेड़ा पार
Lok Sabha Elections: बीजेपी को पश्चिम बंगाल में कड़ी चुनौती मिलने वाली है. ममता बनर्जी ने भी इंडिया एलायंस का दामन थाम लिया है. बंगाल में ओबीसी, एसटी और एससी वोटर निर्णायक भूमिका में नजर आने वाले हैं.
Lok Sabha Elections 2024: अगले साल 2024 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी करना आसान नहीं होगा. इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस (INDIA) ने उसका विजय रथ रोकने की पूरी तैयारी कर रखी है. बीजेपी के लिए इस बार पश्चिम बंगाल में कड़ी चुनौती मिलने वाली है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इंडिया एलायंस का दामन थाम लिया है. बंगाल में ओबीसी, एसटी और एससी वोटर निर्णायक भूमिका में नजर आने वाले हैं. पिछले 2019 के चुनाव नतीजों पर नजर डाली जाए तो इन तीनों तबके के वोटरों ने बीजेपी का भरपूर साथ दिया था.
2019 में बढ़ा बीजेपी का वोट बैंक
बीजेपी ने पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले 2019 के चुनाव में दमदार प्रदर्शन किया था. पश्चिम बंगाल और उड़ीसा पूर्व के ऐसे दो राज्य हैं जहां लोकसभा की 63 सीटें हैं. बीजेपी ने बंगाल में 42 में 18 सीटें पिछले 2019 के आम चुनाव में जीती थीं. जबकि 2014 में उसे महज 2 सीटें ही यहां हासिल हुईं थीं. 2014 में बीजेपी को मात्र 17 परसेंट वोट मिले थे.
वहीं 2019 में दोगुने से अधिक 40 प्रतिशत वोट बीजेपी को मिले थे. हालांकि इस बार INDIA TV-CNX का सर्वे पश्चिम बंगाल में बीजेपी को 12 सीटें मिलने की भविष्यवाणी कर रहा है. इस तरह बीजेपी को इंडिया एलायंस के चलते बंगाल में 6 सीटों का नुकसान होते दिख रहा है. वहीं उड़ीसा में बीजेपी तटस्थ है. उसे आगामी 2024 के चुनाव में भी 8 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.
कितने प्रतिशत बढ़ा बीजेपी का वोट बैंक
2019 के बाद किए गए पोस्ट पोल सर्वे में जो आंकड़े निकल सामने आए हैं वह काफी चौंकाने वाले हैं. सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ डेवलेपिंग सोसायटीज (CSDS) और लोकनीत के सर्वे के अनुसार बीजेपी को 2014 की तुलना में अधिक वोट परसेंट का प्रमुख कारण कम्युनिस्ट पार्टी (M) के वोटर का उसकी तरफ शिफ्ट होना रहा. वामपंथी (एम) के अपर कॉस्ट, ओबीसी, एसटी और एससी का अधिकांश वोट बीजेपी को मिला था. वहीं वामपंथी (एम) का मुस्लिम वोट टीएमसी के खाते में गया था.
ओबीसी, एसटी और एससी का कितना परसेंट वोट शिफ्ट हुआ
2014 के लोकसभा सभा चुनाव में ओबीसी का 21 परसेंट वोट बीजेपी को मिला था. यह आंकड़ा 2019 में बिल्कुल बदल गया. बीजेपी को 17वीं लोकसभा के चुनाव में 65 प्रतिशत ओबीसी वोट मिला था. वहीं शेड्यूल कॉस्ट का 11 परसेंट वोट 2014 में मिला था. यह भी तीन गुना बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया था.
इसके अलावा शेड्यूल ट्राइब्स वोटरों में भी बीजेपी की पकड़ मजबूत हो गई थी. 2014 में जहां बीजेपी को 20 फीसद वोट मिले थे. वहीं 2019 में एससी वोटरों का आंकड़ा भी तीन गुना बढ़कर 60 परसेंट तक पहुंच गया. बीजेपी को बंगाल के गरीबी वाले इलाकों में सर्वाधिक वोट मिला था. पुरुलिया और उत्तर दिनाजपुर में बीजेपी गरीबों की पहली पसंद रही थी.
इसी तरह हिंदू और अपर कॉस्ट में भी बीजेपी वोट बैंक का ग्राफ बढ़ रहा है. 2014 में बीजेपी को 21 प्रतिशत हिंदू वोट मिला. वहीं 2019 में यह बढ़कर 57 परसेंट हो गया था. इसी तरह अपर कॉस्ट का वोट 2014 में 24 प्रतिशत से बढ़कर 57 फीसद हो गया था.