Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी दलों ने काफी पहले तैयारी शुरू कर दी थी. बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए गठबंधन को सत्ता से बाहर करने के लिए सभी विपक्षी दल साथ आए थे और I.N.D.I.A गठबंधन बना था. हालांकि, सीट शेयरिंग को लेकर सभी दलों के बीच अनबन हुई और चुनाव की तारीख का एलान से होने से पहले गठबंधन टूटता दिख रहा था. अब विपक्षी गठबंधन में चीजें ठीक हो रही हैं और यूपी के बाद दिल्ली, गुजरात और हरियाणा में भी सीट शेयरिंग पर बात बनती दिख रही है.


विपक्षी गठबंधन में सीट शेयरिंग का मसला सबसे पहले उत्तर प्रदेश में सुलझा. यहां कांग्रेस पार्टी 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गई और समाजवादी पार्टी को 63 सीटें मिली. अखिलेश के साथ कांग्रेस की बात बनने के बाद अरविंद केजरीवाल के साथ भी सीट शेयरिंग पर बात बन सकती है. ऐसा होने पर सिर्फ पश्चिम बंगाल ही ऐसा राज्य रह जाएगा, जहां कांग्रेस को सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझाना होगा.


कैसे बिगड़ी थी बात?
सबसे पहले ममता बनर्जी ने सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने के बाद पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया. इसके बाद अरविंद केजरीवाल भी इसी राह पर चले. इस बीच नीतीश कुमार ने तो पाला ही बदल लिया. इसके बाद समाजवादी पार्टी के साथ भी बात बिगड़ी और लगा कि I.N.D.I.A गठबंधन चुनाव आने से पहले ही खत्म हो जाएगा. हालांकि, अखिलेश के साथ बात बनने के बाद हवा बदल गई है. अब आम आदमी पार्टी के साथ भी बात बन सकती है. ऐसा होने पर ममता बनर्जी भी साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो सकती हैं.


कहां बनी सहमति
सबसे पहले यूपी में I.N.D.I.A गठबंधन के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है. समाजवादी पार्टी 63 और कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दोनों पार्टियों की सीटें भी तय हो चुकी हैं. हालांकि, इनमें थोड़ा बदलाव हो सकता है. अब आम आदमी पार्टी के साथ भी कांग्रेस का गठबंधन होना लगभग तय है. हरियाणा में कांग्रेस 9 और आम आदमी पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ सकती है. गुजरात की भरूच सीट भी आम आदमी पार्टी को मिल सकती है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को एक सीट देने की बात कही थी, लेकिन अब कांग्रेस तीन और आम आदमी पार्टी चार सीट पर चुनाव लड़ सकती है. यूपी में अखिलेश यादव ने अपने बागी विधायकों को मना लिया है और बीएसपी के साथ भी उनकी बात चल रही है. ऐसे में विपक्षी गठबंधन मजबूत होता दिख रहा है.


यहां सीट शेयरिंग पर संशय
विपक्षी गठठबंधन के लिए अभी भी पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करना बाकी है. बिहार में नीतिश कुमार पाला बदल चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को गठबंधन करना होगा. दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता काफी सक्रिय हैं और अधिकतर मुद्दों पर सहमत दिखे हैं. ऐसे में कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन बहुत मुश्किल नहीं होगा. झारखंड में कांग्रेस और जेएमएम गठबंधन सरकार में हैं. इस वजह से यहां भी सीट शेयरिंग आसानी से हो सकती है. कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनाती ममता बनर्जी को मनाने की होगी. अगर कांग्रेस पार्टी ममता के साथ गठबंधन करने में सफल होती है तो चुनाव के पहले की परीक्षा विपक्षी गठबंधन पास कर लेगा.


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