Priyanka Gandhi Lok Sabha Elections: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया एलायंस के साथ-साथ कांग्रेस भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी हुई है. इसी बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के भी अगले महासमर में उतरने की खबर आई है. प्रियंका के चुनाव लड़ने की संभावनाओं को मजबूती उनके पति राबर्ट वाड्रा ने एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए दी है.


अगर ऐसा होता है तो प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश में किसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद की जा रही है. प्रियंका के लोकसभा चुनाव लड़ने से विपक्षी गठबंधन इंडिया के साथ-साथ कांग्रेस को इस तरह फायदा मिल सकता है.


उत्तर प्रदेश में चुनाव पर पड़ेगा असर


अगर प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरती हैं, जिसकी पुष्टि उनके पति राबर्ट वाड्रा स्वंय कर रहे हैं, तो उत्तर प्रदेश का पूरा चुनावी गणित बदल सकता है. प्रियंका उत्तर प्रदेश में सर्वमान्य कांग्रेस नेता के रूप में स्वीकार्य हैं. प्रदेश के पुराने खाटी नेता पहले ही प्रियंका को उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ाने की मांग करते आ रहे हैं. वह उनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को देखते हैं.


रायबरेली, अमेठी और वाराणसी में होगी टफ फाइट


शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी मांग की है कि प्रियंका को वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा जाए. ऐसा करने से मोदी को कांटे की टक्कर के साथ-साथ रायबरेली, अमेठी की सीट एनडीए के लिए जीतनी मुश्किल हो जाएगी. रायबरेली और अमेठी की सीट पर गांधी परिवार का ही वर्चस्व रहा है.


लोकसभा में कांग्रेस और विपक्ष को मिलेगी मजबूती


वैसे तो प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजने की मांग भी बड़ी जोरों से चल रही है. चर्चा यहां तक हो चुकी थी कि उन्हें हिमाचल प्रदेश, छत्तीगढ़, राजस्थान या फिर मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा जाएगा. मगर अभी तक ऐसा नहीं हुआ. राज्यसभा में गांधी परिवार का अभी कोई नहीं है. प्रियंका राज्यसभा में भी विपक्ष की बातों को बड़े जोरदारी ढंग से रखने में सक्षम है.


वहीं अगर वह लोकसभा में जाती हैं तो भी कांग्रेस और विपक्ष को बड़ा फायदा संभावित है. लोकसभा में विपक्ष की ओर से वह कुशल वक्ता के रूप में सत्तापक्ष की महिलाओं को जवाब देने में सक्षम हैं. अभी तक संसद में बीजेपी की निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी की टक्कर की विपक्ष में कोई नेता नजर नहीं आ रहा है.


चुनाव अभियान को मिलेगा बल


अभी तक प्रियंका फुलटाइम राजनीति में शामिल नहीं हुईं हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव से वह ज्यादा सक्रिय नजर आ रही हैं. अगर वह फुल एक्टिव पॉलिटिक्स (लोकसभा चुनाव) में उतरती हैं तो आगामी चुनाव अभियान के प्रचार-प्रसार को काफी मजूबती मिल सकती है. वह कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन की स्टार प्रचारक बन सकती हैं.


कांग्रेस या यूं कहें विपक्षी गठबंधन इंडिया एलायंस के पास क्षेत्रीय स्तर पर तो कई नेता चुनाव कैंपन के लिए हैं, लेकिन राष्ट्रीय क्षितिज पर राहुल गांधी के बाद ये स्थान रिक्त सा नजर आता है. इंडिया एलायंस में वैसे तो बिहार में नीतीश और लालू, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, मध्य प्रदेश में दिग्विजय और कमलनाथ, राजस्थान में अशोक गहलोत हैं. वहीं दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी के केजरीवाल हैं. प्रियंका के मैदान में आने से उत्तर भारत में चुनाव अभियान और तेज होगा.


हिंदी भाषी राज्यों में प्रियंका डाल सकती हैं असर


कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन की कमजोरी हिंदी भाषी राज्य ही हैं. इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड प्रमुख हैं. इन राज्यों में बीजेपी अधिक प्रभावी नजर आती है. प्रियंका गांधी में कांग्रेसी उनकी दादी इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं. इसलिए प्रियंका के प्रति उनका जुड़ाव अपने आप बढ़ जाता है. प्रियंका के खुलकर चुनावी मैदान में उतरने से इन राज्यों में कांग्रेस का चुनावी गणित बदल सकता है. इसके अलावा कांग्रेस और विपक्ष को एक अच्छा और मजबूत महिला चेहरा मिल जाएगा.


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