Lok Sabha Elections Chunavi Kissa: देश में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए नेताओं और पार्टियों में चुनावी जंग जारी है. राजनीतिक दलों के बड़े नेता जहां चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अपने क्षेत्र में रणनीति बना रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन चुनाव लड़ रहे नेताओं और राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों की सुरक्षा के लिए जद्दोजहद कर रहा है.
एबीपी न्यूज़ की चुनावी किस्सा की इस खास रिपोर्ट में जानेंगे कि क्यों तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सुरक्षा के लिए 250 पुलिस कर्मियों को पीएम के आस-पास रहने के लिए कांग्रेस सेवा दल की ड्रेस पहनकर करनी पड़ी थी ड्यूटी?
राजीव गांधी के हाथों में थी बागडोर
लोकसभा चुनाव साल 1984 के ऐलान के पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो चुकी थी. देश में लोकसभा चुनाव हो रहे थे उस वक्त राजीव गांधी देश के पीएम थे. वह कांग्रेस पार्टी के भी मुखिया थे और लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे. इंदिरा गांधी की हत्या के कारण पूरे देश में दंगे हुए थे और दिल्ली में भी इसका असर देखने को मिला था, इस कारण पुलिस के लिए सुरक्षा व्यवस्था को संभालना और भी मुश्किल हो रहा था.
सुरक्षा एजेंसियों को था हमले का अंदेशा
भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग और एनआईए को बहुत सारे इनपुट मिल रहे थे कि राजीव गांधी की जान को भी खतरा है. भारतीय सुरक्षा एजेंसी राजीव गांधी की जान को लेकर किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहतीं थीं. इसलिए राजीव गांधी को अतिरिक्त सुरक्षा देना बहुत जरूरी था. 1984 लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी थी, इस वजह से सुरक्षा एजेंसी अब बड़ी संख्या में राजीव गांधी के आसपास पुलिस नहीं तैनात कर सकती थी. क्योंकि अगर किया जाता तो इससे सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का भी आरोप लगा सकता था. इन हालातों में सुरक्षा एजेंसी ने पीएम राजीव गांधी के सुरक्षा घेरे को मजबूत करने के लिए एक बड़ा ही रोचक प्लान बनाया था.
250 पुलिसकर्मियों ने पहनी थी सेवा दल की ड्रेस
सुरक्षा एजेंसीज ने फरीदाबाद स्थित कांग्रेस कार्यालय से कांग्रेस सेवा दल की 250 ड्रेस मंगाई. पीएम राजीव गांधी की सुरक्षा में तैनात 250 पुलिसकर्मियों को सेवा दल कि ड्रेस पहनाई गई और बैज भी लगाया गया. इसके बाद पहली पंक्ति से लेकर स्वागत करने वालों के बीच भी और हर कोने में सेवा दल की ड्रेस पहने पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे थे. एनआईटी दशहरा मैदान में राजीव गांधी की रैली हुई. उन्होंने तब कांग्रेस प्रत्याशी रहीम खान के लिए वोट मांगे थे. लोकसभा चुनाव 1984 में रहीम खान करीबन 1 लाख 35 हजार वोट के भारी अंतर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.
ये भी पढ़ें- देश के पहले संत ने कुछ ऐसे तय किया था संसद का रास्ता, सांसद बनने के बाद भी मांगते थे भिक्षा!