Most Unsuccessful Candidate: लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए (सत्ताधारी) और इंडिया (विपक्षी) गठबंधन जहां जीत के लिए एड़ी से चोटी का जोर आजमाते दिख रहे हैं, वहीं सियासी मैदान में एक उम्मीदवार ऐसा भी है, जो हारने के लिए चुनाव लड़ता है. प्रचार के दौरान लोगों से कहता है, "मुझे वोट न दें." ऐसा इसलिए क्योंकि उनका लक्ष्य सबसे असफल उम्मीदवार का तमगा हासिल करना है. अब इसे रोचक कहिए या फिर दिलचस्प, चुनावी नतीजों में असलताओं का अंबार लगाने के बाद भी यह कैंडिडेट खुद को "चुनावी राजा" करार देता है और इस प्रत्याशी का नाम है- डॉ के के पद्मराजन. 


तमिलनाडु के सालेम निवासी डॉ के के पद्मराजन ने पहली बार साल 1988 में चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गए थे. वह उसके बाद से हर चुनाव लड़ रहे हैं. उनको 65 साल की उम्र और 238 चुनावों में एक बार भी जीत नहीं नसीब हुई. हालांकि, उन्होंने इस बार के आम चुनाव के लिए भी दावेदारी पेश की और दो जगहों (केरल के त्रिशूर और तमिलनाडु के धर्मपुरी) से नामांकन दाखिल किया. यानी वह 239वीं बार सियासी मैदान में किस्मत आजमाने जा रहे हैं. 


कितने अमीर हैं सबसे असफल प्रत्याशी


डॉ के पद्मराजन 63 साल के हैं और उनके चुनाव आयोग में (20 मार्च 2024) दाखिल हलफनामे के अनुसार वो हर साल एक लाख की आमदनी करते है. एफिडेविट के अनुसार उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है. 'इलेक्शन किंग' पद्मराजन ने हलफनामे में 1 लाख 15 हजार की चल संपत्ति का ब्यौरा दिया है. वहीं बात करें उनकी अचल संपत्ति की तो उनके पास सलेम जिले में ही एक दुकान है, जिसकी कीमत 11 लाख बताई गई है. डॉ के पद्मराजन के चुनावी एफिडेविट में उनके पास कुल 14 लाख की अचल संपत्ति दर्शायी गई है. के पद्मराजन के ऊपर कोई भी बैंक लोन नही है. उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार उन्होंने आठवीं तक स्कूली शिक्षा हासिल की है और खुद को 'चुनावी राजा' कहने वाले पद्मराजन ने अन्नामलाई ओपन यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए की पढ़ाई भी की है.


लिम्का बुक, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में है नाम


डॉ के के पद्मराजन 65 साल के हैं. वह अब तक के चुनावी इतिहास में देश के सबसे असफल उम्मीदवार हैं. के के पद्मराजन का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में सबसे ज्यादा चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के रूप में दर्ज है. उन्होंने 1988 से चुनाव लड़ना शुरू किया था.  


जमानत राशि में 80 लाख रुपए का नुकसान


निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले के के पद्मराजन का दावा है उनके धूम-धाम से पर्चा भरने और जमानत राशि में अब तक लगभग 80 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं. वह एक टायर मरम्मत दुकान के मालिक हैं.


राष्ट्रपति-सांसद जैसे पदों के लिए लड़ चुके है चुनाव


डॉ के के पद्मराजन राष्ट्रपति पद, सांसद और कई और चुनावों में उम्मीदवार रह चुके हैं. यहां तक कि वह देश के पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ महमोहन सिंह के खिलाफ चुनावी मुकाबले में उतर चुके है. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता, एम करूणानिधि, वाईएसआर रेड्डी और एके एंटनी से लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी और सुपरस्टार विजयकांत को भी उन्होंने सियासी मैदान में टक्कर दी थी. हालांकि, हर बार उन्हें हार ही मिली और यही उनकी असल चाहत थी.


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