Lok Sabha Election: लेफ्ट पार्टियों का दबदबा समाप्त करके पश्चिम बंगाल में एक दशक से भी अधिक समय से अपना वर्चस्व कायम करने वाली तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने अपने मिशन 2024 की तैयारी के लिए पश्चिम बंगाल में एक विशेष प्लान बनाया है. इस प्लान के तहत वह मुस्लिम बाहुल्य भानगर को कोलकाता पुलिस कमिश्नरी के अंडर में लाने की तैयारी कर रही हैं. आइये जानते हैं आखिर पिछले तीन विधानसभा चुनाव से लगातार अपना परचम लहरा रही टीएमसी की नेता को क्यों इस क्षेत्र को कोलकाता कमिश्नरेट मे लाने की जरूरत पड़ रही है.


टीएमसी के लिए के ये है सबसे बड़ी चुनौती
ताकतवर नेता होने के बावजूद ममता बनर्जी की मजबूत पकड़ दक्षिण 24 परगना से लगे इस इलाके में नहीं है. यह पूरा इलाका मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाला है. इसमें से भी भानगर पर ममता दीदी की पकड़ न के बराबर है. अधिकांश क्षेत्र में यहां पानी है. यह इलाका नए कोलकाता के नजदीक विकसित हो रहे कस्बे राजरहाट से बिल्कुल करीब है.


यहां पर इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) की पकड़ बहुत मजबूत है. वर्तमान में इसी पार्टी के विधायक नौशाद सिद्दकी का दबदबा है. 2011 से लगातार पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के बावजूद ममता दीदी की टीएमसी को भानगर में दो बार मात मिली है. इस मुस्लिम बहुल इलाके में वर्तमान में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) का वर्चस्व है. 2021 के चुनाव में यहां आईएसएफ के नौशाद सिद्दकी विजयी हुए थे.


मात्र 3 साल पहले बना था ये दल
इंडियन सेक्युलर फ्रंट दल की स्थापना नौशाद सिद्दकी के बड़े भाई अब्बास सिद्दकी ने 2021 विधानसभा चुनाव के पहले की थी. वह फुरफुरा शरीफ श्राइन के धार्मिक गुरु थे. उन्होंने इस दल की स्थापना मुस्लिमों और दलितों के उत्थान के उद्देश्य को लेकर की थी. आईएसएफ ने पश्चिम बंगाल में वामपंथी सीपीआई (एम) और कांग्रेस के साथ गठजोड़ करके 2021 का चुनाव लड़ा था. बावजूद इसके उसके साथियों को सफलता नहीं मिली, जबकि पहली बार में ही वह अपना खाता खोलने में सफल रही.


भानगर में अभी हाल में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में हिंसा ने अपना रौद्र रूप दिखाया था, जिसके चलते 6 लोगों की जान चली गई थी. पंचायत चुनाव में नामांकन के दिन आईएसएफ और टीएमसी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे. जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद 11 जुलाई को पंचायत चुनाव परिणाम वाले दिन भी इस इलाके में दोनों दल के कार्यकर्ता भिड़ गए थे. जिसमें तीन युवाओं की मौत हो गई थी. इसमें दो आईएसएफ के समर्थक थे.


कोलकाता कमिश्नरेट लागू होने से भानगर पर रहेगा कंट्रोल
भानगर के कोलकाता कमिश्नरी में आने से वहां पर दीदी का नियंत्रण मजबूत हो जाएगा. मुस्लिम और हिंसा प्रभावी इस क्षेत्र पकड़ बनने से ममता दीदी का प्रभाव उसके आस-पास दक्षिण 24 परगना, कोलकाता से सटे नए रियल स्टेट कस्बे राजरहाट पर भी बढ़ जाएगा. इसके लिए ममता दीदी ने अभी पिछले बुधवार को कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल से गहन विचार-विमर्श किया था. हालांकि इसके लिए अभी कैबिनेट प्रस्ताव लाना होगा और नोटीफिकेशन जारी करना होगा. भानगर पर कमिश्नरी लागू होना राजनीतिक के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से बहुत आवश्यक माना जा रहा है. पश्चिम बंगाल के सर्वाधिक संवेदनशील इलाकों में से यह एक है.  


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