Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए यूपी में किए गए सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. राज्य की 80 में से 70 से ज्यादा सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाती दिखाई दे रही हैं. ओपिनियन पोल के अनुसार भारतीय जनता पार्टी इस बार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गढ़ में भी सेंध लगाने वाली है. समाजवादी पार्टी को कन्नौज और कांग्रेस को रायबरेली में हार का सामना करना पड़ सकता है.


इंडिया टीवी-सीएनएक्स के सर्वे में उत्तर प्रदेश की दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत का दावा किया गया है. 1.6 लाख से ज्यादा लोगों के बीच किए गए सर्वे में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भी महज दो सीटों पर सिमटती दिखाई दे रही है. पिछली लोकसभा चुनाव में 10 सीट जीतने वाली मायावती की बहुजन समाज पार्टी को भी एक भी सीट मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं. पिछली बार एक सीट जीतने वाली कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ होता नजर आ रहा है.


किस पार्टी को कितनी सीटें?
इस सर्वे में भारतीय जनता पार्टी को 70 से ज्यादा सीटें दी गई हैं. अपना दल और राष्ट्रीय लोक दल को दो-दो सीटें मिली हैं. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भी दो सीटों पर सिमटती दिख रही है. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को कोई सीट नहीं दी गई है. पूर्वांचल में बीजेपी को चार और समाजवादी पार्टी को एकमात्र आजमगढ़ सीट मिल सकती है. अवध, रूहेलखंड और बुंदेलखंड में बीजेपी सभी सीटें जीतती दिख रही है. मध्य उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी एक सीट जीत सकती है.


कांग्रेस का गढ़ है रायबरेली
पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 सीटों में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी. यह रायबरेली सीट ही थी, जहां से सोनिया गांधी चुनाव जीती थीं. अब सोनिया गांधी ने अपनी उम्र और स्वास्थ्य के कारणों का हवाला देते हुए राज्यसभा जाने का फैसला किया है. वह राजस्थान से निर्विरोध राज्यसभा चुनाव जीत चुकी हैं. रायबरेली सीट पर 66 साल कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है. इनमें से 56 साल गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां से चुनाव जीता है. 1952-60 के बीच दो बार फिरोज गांधी यहां से सांसद रहे. इसके बाद 1967-80 के बीच इंदिरा गांधी चार बार चुनाव जीतीं. 2004 से सोनिया गांधी इस सीट पर चुनाव जीतती आ रही हैं. 


कन्नौज में समाजवादी पार्टी का दबदबा
1967 में अस्तित्व में आई कन्नौज सीट पर पहला चुनाव राम मनोहर लोहिया जीते थे. इसके बाद कांग्रेस, लोकदल और फिर कांग्रेस उम्मीदवार को जीत मिली. 1989 और 1991 में जनता दल को जीत मिली. 1996 में बीजेपी यहां पहला चुनाव जीती. 1998 से लगातार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार यहां से जीत हासिल करते आ रहे हैं. 1998 में प्रदीप कुमार, 2000-2009 तक अखिलेश यादव, 2012 में डिंपल यादव ने जीत हासिल की. 2019 में बीजेपी को दूसरी बार जीत मिली, लेकिन अब लग रहा है कि समाजवादी पार्टी का यह गढ़ बीजेपी का गढ़ बन रहा है. यहां एक बार फिर बीजेपी उम्मीदवार के जीतने की संभावना है. कन्नौज से अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ सकते हैं.

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