Lok Sabha Elections 2024: वरुण गांधी के पीलीभीत छोड़ने से किसे होगा फायदा, समझें सीट का बदला हुआ सियासी समीकरण
Lok Sabha Elections 2024: पीलीभीत में गांधी परिवार का दबदबा रहा है, लेकिन वरुण का टिकट कटने के बाद यहां के समीकरण बदले हैं. अब समाजवादी पार्टी के पास जीत हासिल करने का बेहतर मौका है.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट से जितिन प्रसाद चुनाव लड़ रहे हैं. वरुण गांधी का टिकट काटकर बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर मेनका गांधी पहली बार 1989 में सांसद बनी थीं. 1996 से पीलीभीत सीट पर गांधी परिवार का कब्जा है. मेनका इस सीट से 6 बार और वरुण गांधी 2 बार सांसद बन चुके हैं. अब वरुण गांधी की जगह जितिन प्रसाद बीजेपी उम्मीदवार हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के पास भी जीत हासिल करने का मौका है.
पीलीभीत में वरुण गांधी की पकड़ बेहद मजबूत है. पार्टी के अलावा उनके खुद के कार्यकर्ताओं भी हैं. क्षेत्र के लोग गांधी परिवार के साथ जुड़ाव महसूस करते हैं. यही वजह थी कि मेनका के बाद वरुण भी आसानी से चुनाव जीत रहे थे, लेकिन अब जितिन की राह मुश्किल हो सकती है.
वरुण-हेमराज बन सकते हैं मुश्किल
वरुण गांधी को एक बार फिर टिकट मिलने का भरोसा था और उनके सचिव ने नामांकन पत्र के 4 सेट खरीदे थे. उनके अलावा समाजवादी पार्टी से बीजेपी में आए हेमराज वर्मा के भाई अरुण वर्मा ने भी नामांकन पत्र खरीदे थे. इन दोनों नेताओं ने भले ही नामांकन नहीं किया है, लेकिन इन दोनों के समर्थक टिकट नहीं मिलने से निराश है. इसका नुकसान आगामी चुनाव में बीजेपी को हो सकता है. 2019 में वरुण गांधी 2.5 लाख वोट के अंतर से जीते थे. पीलीभीत में 25 फीसदी मतदाता मुस्लिम समुदाय से हैं. अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 17 फीसदी है. राजपूत भी यहां अच्छी संख्या में हैं. ऐसे में अगर अखिलेश के उम्मीदवार को मुस्लिम और एसटी वोट मिलते हैं तो जितिन प्रसाद की राह मुश्किल हो जाएगी.
वरुण की चिट्ठी कर सकती है असर
पीलीभीत में वरुण गांधी की पकड़ मजबूत है और टिकट मिलने पर उनकी जीत भी लगभग तय थी. उनका टिकट कटने से उनके समर्थकों के साथ अन्य लोगों में भी निराशा है, जो लंबे समय से गांधी परिवार को वोट देते आ रहे थे. वरुण ने चिट्ठी लिखकर पीलीभीत की जनता से अपने दिल की बात भी कही है. अगर जनता के बीच यह संदेश जाता है कि वरुण को जबरन हटाया गया है तो क्षेत्र में बीजेपी के खिलाफ वोटों का ध्रुवीकरण होने का डर है. इससे निपटने के लिए जितिन प्रसाद ने वरुण गांधी से फोन पर बात की है. जितिन प्रसाद ने वरुण गांधी का आभार व्यक्त करते हुए उनका अपने चुनावी संसदीय क्षेत्र में मंच साझा करने के लिए स्वागत किया है और पीलीभीत में उन्हीं की तरह सहजता के साथ जनता की सेवा करने का वादा किया है. सूत्रों के अनुसार वरुण गांधी जितिन के साथ मंच भी साझा कर सकते हैं.
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