Kissa Kursi Ka: राष्ट्रपति भवन ने तैयार कर ली थी सोनिया गांधी के नाम की चिट्ठी, राहुल गांधी हुए गुस्सा तो आया मनमोहन सिंह का नाम
Lok Sabha Elections 2024: भारत के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पीएम बनने की कहानी, किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. कांग्रेस में सोनिया गांधी ने उन्हें कैसे प्रधानमंत्री बनाया, जानिए.
How Manmohan Sing Became Prime Minister: भारत के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का देश के पीएम की कुर्सी तक पहुंचने का सफर बड़ा ही दिलचस्प था. मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 को देश के पहले सरदार पीएम के रूप में शपथ ली थी. देश में 2004 में लोकसभा चुनाव कराए गए थे.
अटल बिहारी वाजपेयी की मौजूदा सरकार 'शाइनिंग इंडिया' नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी, जब नतीजे आए तो अटल सरकार सत्ता खो चुकी थी. अब सत्ता का रास्ता कांग्रेस के लिए साफ हो गया था. सोनिया गांधी उस समय कांग्रेस अध्यक्ष थीं और कयास लगाए जा रहे थे कि वही पीएम भी बनेंगी.
विदेशी महिला बनने जा रही पीएम, विपक्ष लगा रहा था आरोप
सोनिया गांधी का नाम भारत के 13वें पीएम के रूप में बिलकुल तय मन जा रहा था. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की धाकड़ नेत्री सुषमा स्वराज ने सोनिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने, ऐलान किया कि अगर सोनिया गांधी पीएम बनेंगी तो वो संसद सदस्यता से इस्तीफा देकर अपना मुंडन कराएंगी. इन्हीं सब बातों के बीच 15 मई 2004 को UPA ने सोनिया गांधी को संसदीय दल का नेता चुन लिया गया था, लेकिन पीएम के नाम पर तस्वीर अभी भी साफ नहीं थी. दूसरी तरफ विपक्ष लगातार कह रहा था कि, "100 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में इटली से आई एक महिला पीएम बनने जा रही है".
राहुल ने किया था पीएम बनने से मना
राहुल गांधी का सोनिया गांधी के पीएम न बनने के पीछे बहुत बड़ा हाथ था. इस बात को लेकर यूपीए सरकार में विदेशी मामलों के मंत्री रहे नटवर सिंह ने खुलासा किया था. उन्होंने, अपनी किताब 'वन लाइफ इज नॉट एनफ' में लिखा है, ''राहुल उस वक्त पारिवारिक माहौल में थे. "राहुल गांधी ने मां सोनिया से साफ तौर पर कह दिया था की आप पीएम नहीं बनेंगी. राहुल उस वक्त अपनी मां को पीएम ना बनने देने के लिए कुछ भी करने को तैयार थे''. नटवर सिंह के अनुसार, ''दोनों मां-बेटे के बीच बड़ी ऊंची आवाज में बात हो रही थी. राहुल का मां सोनिया गांधी को पीएम न बनने देने के पीछे एक बड़ी वजह थी, गांधी परिवार के पूर्व प्रधानमंत्रियों की हत्या. राहुल को डर था कि, अगर मां पीएम बनीं तो उनको भी पापा-दादी की तरह मार दिया जायेगा''.
अचानक हुआ था सोनिया से मनमोहन के नाम पर फैसला
राहुल गांधी का मां को पीएम न बनने देने के बीच सोनिया गांधी 18 मई को राजीव गांधी की समाधि पर गई थी. सोनिया ने तभी निश्चित कर लिया था कि वो अब पीएम नही बनेंगी. उन्होंने, उसी शाम 7 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में कांग्रेसी सांसदों की बैठक में राहुल और प्रियंका की तरफ देखते हुए कहा था कि, "मेरा लक्ष्य कभी पीएम बनना नहीं था. मैं हमेशा सोचती थी कि कभी अगर उस स्थिति में पहुंची तो मन की आवाज सुनूंगी. आज मेरी आवाज कहती है कि मैं पूरी विनम्रता के साथ पीएम पद स्वीकार ना करूं".
फैसला सुनते ही मच गई थी हलचल
सोनिया गांधी का पीएम पद न स्वीकार ने का फैसला सुनते ही संसद भवन के सेंट्रल हॉल में कांग्रेसी सांसदों के बीच हलचल मच गई थी. इसके बाद सांसदों ने लगभग दो घंटों तक सोनिया को मानाने की कोशिशें की थीं. इन सारे ही घटनाक्रमों में सोनिया के आस-पास एक ऐसा शख्स भी था, जिसको आगे चलकर सोनिया पीएम बनाने वाली थी.
राष्ट्रपति भवन को तैयार करनी पड़ी थी नई चिट्ठी
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की किताब 'टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजेज' में लिखा है कि, यूपीए की जीत के बाद राष्ट्रपति भवन ने सोनिया को पीएम बनाने संबंधी लेटर भी तैयार कर लिया था. बाद में जब सोनिया उनसे मिली और डॉ मनमोहन सिंह का नाम आगे किया तो वो हैरान रह गए थे. फिर बाद में राष्ट्रपति भवन को दोबारा नई चिट्ठी तैयार करनी पड़ी थी.