Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर सीट चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां भारतीय जनता पार्टी ने कैलाश चौधरी और कांग्रेस ने उम्मेदाराम बेनीवाल को टिकट दिया है. वहीं, शिव विधानसभा सीट से विधायक बनने वाली रविंदर सिंह भाटी ने निर्दलीय पर्चा भरा है. उनके चुनावी मैदान में उतरने से बाड़मेर के समीकरण रोचक हो गए हैं. सर्वे में भी उनके जीतने की संभावना ज्यादा दिख रही है. 


रवींदर सिंह भाटी के चलते बीजेपी का राज्य में सभी सीटें जीतने का सपना अधूर रह सकता है. वहीं, कांग्रेस के लिए यहां बेहतर मौके बनते दिख रहे हैं, क्योंकि भाटी बीजेपी के वोट में ही सेंध लगाएंगे. ऐसे बीजेपी और भाटी आपस में एक दूसरे के वोट काट सकते हैं और कांग्रेस उम्मीदवार के पास जीत का मौका है.


कौन हैं भाटी?

रविंदर सिंह भाटी पीएम मोदी से प्रेरित हैं. इसी वजह से वह पिछले साल नवंबर में बीजेपी में शामिल हुए थे पर टिकट नहीं मिलने पर अलग हो गए. दिसंबर में भाटी ने बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार को विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से मात दी. बीजेपी उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहा. बीजेपी का वोटबैंक छीनकर ही भाटी मजबूत हो रहे हैं. इस वजह से पार्टी ज्यादा परेशान दिख रही है. अब उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है और बीजेपी-कांग्रेस की चुनौती बढ़ा रहे हैं.


बाड़मेर के जातीय समीकरण

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर लगभग 22 लाख मतदाता है. सबसे ज्यादा 4.5 लाख मतदाता जाट समुदाय के हैं. राजपूत मतदाता 3 लाख, मुस्लिम मतदाता 2.7 लाख और एससी-एसटी वोटर 4 लाख के करीब हैं. यहां 6.5 लाख वोट ओबीसी समुदाय के हैं. जाट मतदाताओं को साधने के लिए बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने जाट उम्मीदवार उतारा है, लेकिन राजपूत समुदाय के भाटी ने सारे समीकरण बदल दिए हैं.


क्या कहता है सर्वे?

यह सीट हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ रही है. 1977 और 1989 के चुनाव छोड़ दें तो इस सीट पर 1967 से 1999 तक कांग्रेस उम्मीदवार की ही जीत हुई है. साल 2004 में पहली बार यह सीट बीजेपी के कब्जे में आई. 2009 में फिर कांग्रेस को जीत मिली, लेकिन 2014 और 2019 में बीजेपी के कैलाश चौधरी सांसद बने. ईटीजी के सर्वे के अनुसार इस बार यहां रविंदर भाटी को जीत मिल सकती है. उन्हें 45 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. कांग्रेस का वोट शेयर 32 फीसदी और बीजेपी को 19 फीसदी वोट मिल सकते हैं.


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