Lok Sabha Elections 2024: अखिलेश ने नहीं सुनी आजम की बात, उतारा नया कैंडिडेट, जानें कैसी होगी 2024 में रामपुर की फाइट, समझें समीकरण
Rampur Lok Sabha Elections: रामपुर 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश की सबसे अहम मानी जाने वाली संसदीय सीट में से एक है. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले क्या कहते है रामपुर संसदीय क्षेत्र का सियासी समीकरण? समझिए.

Rampur Lok Sabha Seat Elections 2024: रामपुरी चाकू जिस रामपुर की पहचान है, वहां लोकसभा चुनाव 2024 की चुनावी जंग कैसी होगी, इस पर सभी की निगाहें हैं. उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित लोकसभा क्षेत्रों में से एक रामपुर मुरादाबाद मंडल का हिस्सा है.
रामपुर लोकसभा सीट सपा नेता आजम खान का गढ़ रही है, वो खुद इस सीट से कई वर्षो तक सांसद रहे हैं. हालांकि फिर उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी के घनश्याम सिंह लोधी ने इस सीट पर बाजी मारी थी. अब एक बार फिर बीजेपी ने रामपुर से अपने मौजूदा सांसद पर ही भरोसा जताते हुए लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवार बनाया है.
रामपुर लोकसभा का जनसंख्या गणित
रामपुर लोकसभा सीट पर आंकड़ों के मुताबिक लगभग 30 लाख की जनसंख्या है, जिसमें 16 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं, इन वोटर्स में 8,72,084 पुरुष और 7,44,900 महिला वोटर्स मौजूद है. इनमें से लगभग 51% मुस्लिम आबादी है तो करीब 45% हिन्दू आबादी यहां रहती है.
रामपुर उपचुनाव 2022 में बीजेपी जीती
उत्तर प्रदेश की इस मुस्लिम बहुल सीट पर मौजूदा समय में बीजेपी के घनश्याम सिंह लोधी सांसद है. उन्होंने सपा के मोहम्मद असीम रज़ा को 42 हजार वोटों के बड़े अंतर से हराकर संसद का सफर तय किया था. एक बार फिर बीजेपी ने इन्हीं को लोकसभा चुनाव 2024 के रण में उतारा है.
2019 के चुनाव में आजम खान ने मारी थी बाजी
लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 11 प्रत्याशी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे पर असल मुकाबला तो बीजेपी की जायाप्रदा और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बीच था. वहीं, कांग्रेस ने संजय कपूर और एनडीपी ने अरशद वारसी को चुनाव मैदान में उतरा था. 4 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव में किस्मत आजमा रहे थे. इस चुनाव में सपा प्रत्याशी आज़म खान ने जीत दर्ज की थी, उनको कुल 5,59,177 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी की जयाप्रदा को 4,49,180 वोट मिले थे और वो दूसरे स्थान पर रही थीं.
रामपुर लोकसभा 2014 का गणित
लोकसभा चुनाव 2014 कई मायनों में काफी अलग था. इस चुनाव में उत्तर प्रदेश से कोई भी मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया था. यह अपने आप में ही एक नया इतिहास था. 2014 के रामपुर लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेपाल सिंह ने धमाकेदार जीत दर्ज की थी. नेपाल सिंह को 37.5% फीसदी वोट मिले थे और उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे समाजवादी के नसीर अहम खान को 35 फीसदी वोट मिले थे. इस लोकसभा चुनाव में नेपाल सिंह की जीत का अंतर मात्र 23,435 वोट था. 2014 के चुनाव में इस सीट पर लगभग 59 फीसदी ही वोट पड़े थे, जिसमे से 7 हजार के करीब वोट नोटा के लिए डाले गए थे.
अटकलों के बीच सपा ने मोहिबुल्लाह नदवी को बनाया उम्मीदवार
रामपुर लोकसभा सीट से सपा ने सस्पेंस खत्म करते हुए दिल्ली पार्लियामेंट मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को प्रत्याशी बनाया है. मोहिबुल्लाह नदवी मूल रूप से रामपुर के ही रहने वाले हैं. उन्होंने लखनऊ स्थित नदवा कॉलेज से मौलवी की डिग्री प्राप्त कर रखी है और अपनी शिक्षा का कुछ अंश अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया से भी प्राप्त किया है. मोहिबुल्लाह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के काफी करीबी व्यक्ति माने जाते हैं. सपा मोहिबुल्लाह नदवी के जरिए रामपुर के बिगड़े सियासी समीकरण साधने की कोशिश में जुट गयी है. इसी बीच खबरें ये भी हैं कि कभी रामपुर के बादशाह कहे जाने वाले आजम खान मोहिबुल्लाह नदवी को रामपुर से टिकट मिलने पर खुश नहीं है. उन्होंने जेल से अखिलेश यादव को पत्र लिखकर उनसे इस सीट से चुनाव लड़ने की अपील की थी.
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