Lok Sabha Elections 2024 Date: कोई भी उम्मीदवार जब चुनाव लड़ने के लिए नामांकन फॉर्म जमा कराते हैं तो jउसके साथ उन्हें एक ऐफिडेविट भी देना होता है. इस ऐफिडेविट में उन्हें अपनी संपत्ति, अपनी आय, क्रिमिनल केस और टैक्स रिटर्न संबंधित कुछ और जानकारी देनी होती है. इसी ऐफिडेविट के आधार पर अलग-अलग रिपोर्ट्स आती हैं.


ऐफिडेविट में एक और चीज की जानकारी होती है, जिस पर बहुत कम बात होती है. यह कॉलम होता है कर्जे का. कहने को तो कई प्रत्याशी करोड़पति होते हैं, लेकिन इनके कर्जे भी बहुत होते हैं. अब बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर करोड़ों रुपये के मालिक होने के बाद भी इतना कर्ज क्यों. इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने चार बड़े नामों को चुना.


एबीपी न्यूज ने चुने ये नाम  


एबीपी न्यूज ने अपनी इस पड़ताल में जिन चार बड़े नामों को रखा, उनमें आंध्र प्रदेश की कडप्पा सीट से कांग्रेस कैंडिडेट YS शर्मिला रेड्डी, शर्मिला के भाई और आंध्र प्रदेश के मौजूदा सीएम जगन मोहन रेड्डी, सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम की पत्नी सुनेत्रा.


भाई से दुश्मनी, लेकिन ले रखा है 83 करोड़ उधार 


शर्मिला रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री YS जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं. दोनों में राजनीतिक दुश्मनी है, लेकिन उधार में दोस्ती है. शर्मिला के हलफनामे के मुताबिक उन्होंने अपने भाई जगन से करीब 83 करोड़ रुपये का उधार ले रखा है. सबसे अजीब बात ये है शर्मिला ने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 182 करोड़ रुपये बताई है.


शरद पवार की बेटी सुप्रिया पर 55 लाख का कर्ज


अब बात अगर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले की करें तो इन्होंने ऐफिडेविट में अपनी कुल संपत्ति 165.5 करोड़ रुपये बताई है, लेकिन इस ऐफिडेविट में कहा गया है कि उन पर भाभी सुनेत्रा का 35 लाख उधार है, जबकि भतीजे पार्थ से 20 लाख रुपये का उधार ले रखा है. यानी सुप्रिया पर करीब 55 लाख रुपये का कर्ज अपने रिश्तेदारों से है. सुप्रिया महाराष्ट्र की बारामती सीट से उम्मीदवार हैं. इस बार इनके सामने भाभी सुनेत्रा भी खड़ी हैं. सुप्रिया के पास कुल 166 करोड़ रुपये की संपत्ति है. इनकी संपत्ति में लगातार इजाफा भी हो रहा है, लेकिन उधारी चुकाई नहीं जा रही है.


कर्ज के सवाल पर नाराज हो गए अजित पवार


सुप्रिया के भाभी से कर्ज लेने के सवाल पर डिप्टी सीएम और सुप्रिया के भाई अजित पवार भड़क गए. उन्होंने हमारे रिपोर्टर से कहा, “तुम पागल हो? हलफनामे में वही लिखा है जो सच है. इससे क्या आपको कोई परेशानी है? इस बारे में हमसे जवाब मांगने का किसी को कोई अधिकार नहीं है, जो है वो हमने शपथ पत्र में सब कुछ लिखा है.


इसलिए दिखाते हैं कर्जा


चार्टर्ड अकाउंटेंट इस कर्ज के पीछे की वजह बताते हुए कहते हैं कि जरूर नहीं है कि ऐसे उम्मीदवार कर्ज न उतार पाएं या उन पर कर्ज हो. इसे भरने के पीछे की वजह है भविष्य के नुकसान से बचना. दरअसल, जब आप अलग-अलग चुनाव में हलफनामा डालते हैं और इसमें कुल संपत्ति बढ़ती है तो आप पर कई तरह के सवाल उठते हैं. सरकारी विभाग से लेकर आम लोग तक लगातार संपत्ति बढ़ने से हैरान होते हैं. ऐसे में इससे बचने के लिए वह कर्ज दिखाते हैं ताकि नोटिस आने पर बताया जा सके कि उन्होंने कर्ज लेकर संपत्ति खरीदी है.


ये हैं टॉप 8 कर्जदार प्रत्याशी


1. पम्मसानी चंद्रशेखर- आंध्र प्रदेश के गुंटूर से TDP उम्मीदवार पम्मसानी के पास करीब 5 हजार 599 करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन इन पर 1 हजार 38 करोड़ रुपये का कर्ज भी है.


2. एस. जगत रक्षकन- तमिलनाडु के अराकोणम से DMK कैंडिडेट हैं. इनके पास कुल संपत्ति 53 करोड़ रुपये की है, लेकिन 649 करोड़ रुपये का कर्ज भी है.


3. डीके सुरेश - बैंगलुरू देहात से कांग्रेस प्रत्याशी डीके सुरेश के पास कुल 593 करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन इन्होंने 150 करोड़ रुपये का कर्ज भी दिखाया है.


4. संजय शर्मा- मध्य प्रदेश के होशंगाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी संजय शर्मा के पास 232 करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन कर्ज 98 करोड़ रुपये का है.


5. देवनाथन यादव - तमिलनाडु के शिवगंगा से बीजेपी के उम्मीदवार देवनाथन यादव के पास कुल 304 करोड़ रुपये की संपत्ति है. इनके ऊपर कर्जा 98 करोड़ रुपये का है.


6. एचडी कुमार स्वामी - कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमार स्वामी JDS के टिकट पर मांड्या से चुनाव लड़ रहे हैं. इनके पास करीब 217 करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन कर्ज 82 करोड़ रुपये है.


7. प्रतिभा सुरेश- महाराष्ट्र के चंद्रपुर से कांग्रेस कैंडिडेट प्रतिभा सुरेश के पास कुल 80 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन 55 करोड़ रुपये का कर्ज भी है.


8. रक्षा रमैया - कर्नाटक के चिकबल्लापुर से कांग्रेस के उम्मीदवार रक्षा रमैया के पास कुल 169 करोड़ रुपये की संपत्ति है और 53 करोड़ रुपेय का कर्ज है.


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