Lok Sabha Elections 2024 Exit Polls: आखिरकार 19 अप्रैल से शुरू हुए लोकसभा चुनाव का आखिरी मतदान 43 दिन बाद आज (1 जून) को समाप्त होने वाले हैं. चुनाव के तुरंत बाद ही देशभर की निगाहें एग्जिट पोल पर टिकी हुई होंगी. 4 जून को चुनावों के नतीजे भी आ जाएंगे, लेकिन ये एग्जिट पोल ही होते हैं जो कि उम्मीदवारों को उम्मीद या निराशा में डालते हैं.


पिछले दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 के बारे में बात की जाए तो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने बड़े अंतर से चुनाव जीते थे. 2014 के लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई तक चले थे और रिजल्ट 16 मई को सामने आए थे. वहीं 2019 के चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक चले और रिजल्ट 23 मई को आए.


2014 में कुछ ऐसी थी मोदी की लहर


2014 में आठ एग्जिट पोल द्वारा अनुमान लगाया गया था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA को 283 सीटें और कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA को 105 सीटें मिलेंगी. उस साल मोदी सरकार की लहर ऐसी थी कि सबका अनुमान गलत साबित हुआ और बीजेपी-NDA को 336 सीटें मिली. वहीं कांग्रेस-UPA को मात्र 60 सीटें मिलीं थी. इसमें अकेले भाजपा को 282 सीटें मिलीं और कांग्रस ने 44 सीटे जीती थी.  


2019 में इतने करीब थे NDA-UPA


वहीं साल 2019 के आम चुनावों की बात की जाए तो औसतन 13 एग्जिट पोल ने NDA की सीटों की संख्या 306 और UPA की 120 बताई थी. इसमें भी NDA के प्रदर्शन को कम आंका गया था, लेकिन कुल सीटें 353 थी. वहीं UPA को 93 सीटें मिलीं थीं. इनमें से भाजपा की 303 और कांग्रेस की 52 सीटें थी. 


2009 में बहुमत से जीती थी UPA


लोकसभा चुनाव 2009 की बात करते हैं, यहां UPA सत्ता में वापस आई थी. इस समय औसतन चार एग्जिट पोल ने जीतने वाली पार्टी कांग्रेस की सीटों की संख्या को कम करके आंका था. एग्जिट पोल ने UPA को 195 और NDA को 185 सीटें दीं थी। इस चुनाव में UPA ने 262 सीटें जीतीं और NDA ने 158 सीटें जीती थीं. इनमें से कांग्रेस ने अकेले 206 सीटें जीती और भाजपा ने 116 सीटें जीतीं।


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