Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के लिए नामांकन का गुरुवार (4 अप्रैल 2024) को आखिरी दिन था. वहीं, पहले चरण के मतदान की तारीख सिर्फ 2 सप्ताह दूर है. भारतीय जनता पार्टी 400 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी 200 से ज्यादा प्रत्याशी घोषित कर चुकी है, लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 5 सीटों पर कोई भी पार्टी उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है. इस सूची में पहला नाम रायबरेली का है. 2019 तक इस सीट को लेकर कांग्रेस नेताओं को कुछ सोचने की जरूरत नहीं होती थी. बीजेपी के लिए भी इस सीट पर मेहनत करना व्यर्थ था, लेकिन अब यहां के समीकरण बदल गए हैं.


रायबरेली से लंबे समय तक सांसद रहीं सोनिया गांधी अब राज्यसभा जा चुकी हैं. उनके जाने के बाद कांग्रेस को ऐसा उम्मीदवार नहीं मिल रहा है, जो उनकी विरासत को आगे बढ़ा सके. वहीं, अमेठी में राहुल गांधी पिछला चुनाव हार गए थे. ऐसे में कांग्रेस को इस सीट पर भी किसी नए उम्मीदवार की तलाश है.


इन हाई प्रोफाइल सीटों पर नहीं मिल रहे उम्मीदवार
1. राबरेली
2.इलाहाबाद
3. कैसरगंज
4.फूलपुर
5. कौशांबी


बीजेपी को क्यों नहीं मिल रहे उम्मीदवार?

सोनिया गांधी और राहुल के सीट छोड़ने के चलते कांग्रेस को नए उम्मीदवार के चयन में समय लग रहा है, लेकिन बीजेपी भी इन सीटों पर प्रत्याशी नहीं तय कर पा रही है. यूपी की इन सीटों पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा रहा है और बीजेपी अब यहां अपना गढ़ बनाना चाहती है. अमेठी में भारतीय जनता पार्टी बहुत हद तक ऐसा करने में सफल रही है, लेकिन रायबरेली और अन्य सीटों पर भी पार्टी ऐसे ही उम्मीदवारों का चयन करना चाहती है. इसके अलावा दोनों पार्टियां एक-दूसरे के उम्मीदवार को देखने के बाद अपनी रणनीति तय कर सकती हैं. इसी वजह से दोनों पार्टियां उम्मीदवारों के ऐलान में देरी कर रही हैं.


मौजूदा सांसदों को क्यों नही मिल रहा टिकट?

रायबरेली सांसद सोनिया गांधी अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं. वह राजस्थान से राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं. भारतीय जनता पार्टी 70 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट देने से बचती है और इलाहाबाद सांसद रीता बहुगुणा भी 70 साल पार कर चुकी हैं. कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते हुए लगातार विवादों में रहे थे. पिछले साल देश के शीर्ष पहलवानों ने उनके खिलाफ लगातार प्रदर्शन किया और उन पर कई गंभीर आरोप लगाए. बीजेपी इस विवादित चेहरे को टिकट देने से बच रही है. फूलपुर में केशवी पटेल ने 2019 में बड़ी जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार पार्टी किसी नए चेहरे को टिकट दे सकती है. कौशांबी में राजाभैया की राजनीति के चलते मौजूदा सांसद विनोद सोनकर का टिकट कट सकता है और बीजेपी राजाभैया को समर्थन दे सकती है या उन्हें उम्मीदवार बना सकती है.

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