Lok Sabha Elections 2024: वाराणसी में मोदी सरकार से काशी के ब्राह्मण हुए नाराज, जानिए वजह
काशी के ब्राह्मणों का कहना है कि वो PM मोदी के समर्थक हैं व उनके काम से खुश हैं. लेकिन काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर और घाटों पर उनसे अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा है. जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे बस अब एक कदम की दूरी पर हैं. 1 जून को अंतिम चरण में वोट डाले जाएंगे और 4 जून को रिजल्ट आएगा. वाराणसी में भी अंतिम चरण में ही वोटिंग होगी. लेकिन 'यूपी तक' से बातचीत में वाराणसी के ब्राह्मणों ने कहा कि विकास तो हुआ है. लेकिन कुछ स्थानीय काम से वो खुश नहीं हैं, साथ ही उनके सामने बेरोजगारी की समस्या भी है. उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन के साथ ही 'श्रद्धालु पुलिस' भी उन्हें काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में आसानी से पहले की तरह प्रवेश नहीं देती हैं.
महा मृत्युंजय मंदिर में ब्राह्मणों ने बताया कि बीजेपी सरकार काम कर रही है. लेकिन महंगाई, बेरोजगारी की समस्या लोगों के सामने है. आचार्य ने बताया कि मोदी जी काम कर रहे हैं और वाराणसी का काफी विकास हुआ है. इसलिए यहां की जनता बीजेपी को ही वोट देगी. साथ ही कुछ ब्राह्मणों ने कहा कि मंदिरों का भले ही विकास हो गया हो. हम लोगों के लिए कुछ नहीं है. तमाम मंदिर ठेकेदारों ने ले लिए हैं. एक ब्राह्मण ने कहा कि नमो घाट को भी 30-40 साल के लिए ठेके पर दे दिया गया. कंपनी तमाम श्रद्धालुओं से पैसे ले रही है और ब्राह्मणों को उचित पैसे नहीं मिल रहे हैं.
एक आचार्य ने कहा कि उनकी शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से भी है. उन्होंने कहा कि जब से नया कॉरिडोर बना है और मंदिर के अंदर पुलिस लगाई गई है. तब से उन्हें भगवान के दर्शन तक से रोका जा रहा है. ब्राह्मणों ने कहा कि पुलिस वालों के धोती पहनाने के भी वो खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि ये चीजें धर्म के विरुद्ध हैं. एक ब्राह्मण ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि घूस लेकर मंदिरों में शास्त्रियों की भर्ती की गई है. ब्राह्मणों ने कहा कि सरकार हमें ना आरक्षण दे रही है और ना ही रोजगार. हमें शुरू से ही अमीर समझा जाता रहा है, जो कि गलत है. एक पंडित ने कहा कि हम मोदी जी के समर्थक हैं और सरकार भी उन्हीं की बनने वाली है. लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार इन कमियों पर ध्यान दे और इन्हें दूर करे. जिससे हम काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के साथ अंदर जा सकें और पूजा-पाठ करा सकें.