Lok Sabha Elections 2024: देश में तीन चरणों के मतदान के बाद हिंदू और मुस्लिम बहुल सीटों पर क्या है वोटिंग पैटर्न? समझिए..
देश में 3 चरणों के चुनाव हो चुके हैं और इस दौरान उन सीटों पर ज्यादा वोटिंग हुई है, जहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या ज्यादा है और उन सीटों पर वोटिंग कम हुई है, जहां हिंदू वोटर्स की संख्या ज्यादा है.
Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव 2024 में अब तक तीन चरणों में 282 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई हैं. अब तक दर्ज आंकड़ों से पता चलता है कि जिन सीटों पर हिंदू आबादी (hindu population) ज्यादा है उन सीटों पर कम वोटिंग और जिन क्षेत्रों में मुसलमानों की आबादी (muslim population) ज्यादा है वहां ज्यादा मतदान हुए हैं. चलिए आकड़ों के जरिए मुस्लिम बहुल सीटों के वोटिंग पैटर्न (voting pattern) को समझते हैं.
असम की धुबरी सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है, धुबरी में मुसलमानों की आबादी लगभग 80 फीसदी है और हिंदुओं की आबादी 19.9 फीसदी है. धुबरी सीट पर 92.2 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है. इस सीट पर 7 मई को वोटिंग हुई थी. वहीं तीसरे चरण में ही गुजरात के अमरेली सीट पर भी चुनाव हुआ था. इस सीट पर हिंदुओं की आबादी 93.1 फीसदी है, जबकि मुसलमानों की आबादी 6.5 फीसदी है. इस सीट पर मात्र 49.5 फीसदी वोटिंग हुई.
यूपी का हाल
यूपी की संभल सीट जहां मुसलमानों की आबादी 50.2 फीसदी है और हिंदुओं की आबादी 49 फीसदी है, यहां 62.9 फीसदी वोटिंग हुई. वही आगरा में 54.1 फीसदी मतदान हुआ. आगरा में हिंदुओं की आबादी 54.1 फीसदी जबकि मुसलमानों की आबादी 9.2 फीसदी है.
बिहार का पैटर्न
बिहार की बात करें तो अररिया सीट पर हिंदुओं की आबादी 58.5 फीसदी है और मुसलमानों की आबादी 41.1 फीसदी है. इस सीट पर 61.9 फीसदी वोटिंग हुई. वहीं झंझारपुर में हिंदू आबादी लगभग 85 फीसदी और मुस्लिम आबाद 15.2 फीसदी है. इस सीट पर 54.5 फीसदी वोटिंग हुई.
पश्चिम बंगाल का पैटर्न
पश्चिम बंगाल में भी यही पैटर्न देखने को मिलता है. मुर्शिदाबाद में मुसलमानों की आबादी 68.5 फीसदी है जबकि हिंदुओं की आबादी 30 फीसदी है. इस सीट पर 81.5 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई. इसी तरह मालदा दक्षिण में मुसलमानों की आबादी 58.8 फीसदी है, जबकि हिंदुओं की आबादी 40.2 फीसदी है. इस सीट पर 76.7 फीसदी मतदान हुआ. जंगीपुर में भी मुसलमानों की आबादी ज्यादा है. यहां 63.2 फीसदी मुसलमान और 36 फीसदी हिंदू हैं. इस सीट पर भी 75.7 फीसदी वोटिंग हुई.
असम के धुबरी में सबसे ज्यादा वोटिंग
अगर देश में देखें तो असम के धुबरी में 92.1 फीसदी वोटिंग, असम के ही बरपेटा में 85.2 फीसदी वोटिंग व असम के नगांव में 85 फीसदी वोटिंग हुई है. इसमें नगांव को छोड़कर धुबरी और बरपेटा में मुसलमानों की आबादी ज्यादा है.
मथुरा में सबसे कम वोटिंग
पूरे देश में अगर अब तक हुई वोटिंग के आधार पर सबसे कम वोटिंग फीसदी वाली सीट की बात करें तो ये सीट है उत्तर प्रदेश का मथुरा सीट, यहां हिंदु आबादी 90 फीसदी और मुस्लिम आबादी 8.5 फीसदी है. मथुरा सीट पर मात्र 49.4 फीसदी वोटिंग हुई. इसी तरह गुजरात के अमरेली सीट पर हिंदुओं की आबादी 93.1 फीसदी है, जबकि मुसलमानों की आबादी 6.5 फीसदी है. इस सीट पर भी मात्र 49.5 फीसदी वोटिंग हुई. इन दोनों सीट पर सबसे कम वोटिंग हुई है, और देखने वाली बात है कि इन सीटों पर हिंदुओं की आबादी ज्यादा है. इन आकड़ों से पता चल रहा है कि हिंदू बहुल इलाकों में कम वोटिंग जबकि मुस्लिम बहुल इलाकों में ज्यादा वोटिंग हुई है.
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने आबादी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया कि देश में हिंदुओ की आबादी घट रही है और मुसलमानों की बढ़ रही है. रिपोर्ट को देखा जाए तो 1950 में अगर भारत की आबादी 100 थी, तो उसमें हिंदू 84.68 थे. मुस्लिम 9.48. लेकिन 2015 में भारत की आबादी अगर 100 है, तो इसमें हिंदू 78.06 हैं, जबकि मुस्लिम 14.09 हो गए. इसी आधार पर कहा गया कि भारत की आबादी में हिंदू नागरिकों का अनुपात घटा है और मुस्लिम नागरिकों का बढ़ा है, जैसे ही रिपोर्ट में हिंदू नागरिकों का हिस्सा आबादी में घटने और मुस्लिमों का बढ़ने की बात रिपोर्ट में आई, वैसे ही धर्म के आधार पर घटती आबादी पर चिंता जताते हुए वोट बढ़ाने की रणनीति पर बयान तेज हो गए.