What Is VVPAT: चुनाव के दौरान वोटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली ईवीएम मशीन (EVM Machine) के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) का इस्तेमाल किया जाता है. VVPAT ईवीएम के साथ हमेशा से नहीं यूज होती थी. पहली बार चुनाव आयोग ने बतौर ट्रायल साल 2013 के नागालैंड विधानसभा चुनाव में इसे इस्तेमाल किया था. ईवीएम (EVM) के साथ वीवीपैट का बड़े स्तर पर इस्तेमाल चुनाव आयोग ने 40 विधानसभा सीटों वाले मिजोरम विधानसभा चुनाव 2013 की 10 सीटों पर किया था. 


वीवीपैट चुनाव के दौरान इसलिए इस्तेमाल की जाती है, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता का वोट उसी की पसंद के प्रत्याशी को गया है. वीवीपैट मशीन को चुनाव आयोग ने उस समय इस्तेमाल करना शुरू किया था, जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के ऊपर कई तरह के वोटिंग से जुड़े आरोप लग रहे थे. आयोग वीवीपैट को चुनावी प्रक्रिया में लोगो को और भरोसा दिलाने के लिए लाया था, जिसके बाद अब वीवीपैट हर चुनाव में ईवीएम के साथ उपयोग में लाई जाती है. 


कैसे काम करती है वीवीपैट?


मतदाता के ईवीएम का बटन दबाते ही बीप की आवाज के बाद बगल में रखी वीवीपैट मशीन में मतदाता के वोट की एक पर्ची प्रिंट होकर निकलती है. वीवीपैट एक प्रिंटर की तरह ही काम करती है. ये सुनिश्चित करती है कि मतदाता ने जिसको वोट दिया है वो असल में उसी को गया है. मशीन स्लिप में उम्मीदवार का नाम और पार्टी सिंबल के साथ वीवीपैट स्लिप प्रिंट कर देती है. इस पर्ची को लगभग 7 सेकंड तक देखा जा सकता है, जिसके बाद ये पर्ची वीवीपैट के अंदर मौजूद सीलबंद बॉक्स में गिर जाती है.


वोटर को नहीं मिलती है पर्ची


मतदान के बाद पर्ची वीवीपैट में मौजूद सीलबंद बॉक्स में गिर जाती है. ये पर्ची मतदाता को सिर्फ 7 सेकंड दिखती है पर ये पर्ची मतदाता को दी नहीं जाती है. चुनाव में किसी भी विवाद की स्थिति में आयोग इन वीवीपैट पर्चियों की भी गिनती करा सकता है.


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