Lok Sabha Elections 2024: क्या इन राज्यों को फतह कर PM मोदी जीत की हैट्रिक लगाकर नेहरू की कर पाएंगे बराबरी..
4 जून को साफ हो जाएगा कि पीएम मोदी लगातार तीसरी बार पीएम बन रहे हैं या नहीं. बीजेपी सत्ता में आती है तो पीएम मोदी देश के पहले पीएम नेहरू के सबसे ज्यादा टर्म में पीएम रहने की बराबरी कर लेंगे.
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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजों में बस 5 दिनों का वक्त रह गया है. इससे पहले देश में सातवें चरण में 57 सीटों पर वोटिंग होनी है. इस बीच बीजेपी के तमाम नेता अभी भी 400 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं. वहीं विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A भी अपनी जीत का दावा कर रहा है.
सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 272 सीटें जीतने की जरूरत है. बीजेपी 2014 और फिर 2019 में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई. भारत में लोकतंत्र चुनाव में बहुमत हासिल करने का रास्ता कुछ राज्यों से होकर जाता है. इसमें यूपी, बिहार जैसे राज्य शामिल हैं. भारत में अब तक सबसे ज्यादा समय तक पीएम रहने का रिकॉर्ड पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम है. इस बार अगर नरेंद्र मोदी पीएम बनते हैं तो नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे.
भारत में ऐसी स्थिति बन रही है, जहां 'बहुमत जीतना' कुछ राज्यों पर निर्भर करता है. खास तौर पर 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से, 2019 में बीजेपी ने 543 लोकसभा सीटों में से 303 सीटें जीतीं. पॉलिटिकल मैप पर नजर डालने से हमें 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की जीत की बुनियादी जानकारी मिलती है. क्या एनडीए 2024 के लोकसभा चुनावों में भी अपना प्रदर्शन दोहराएगा, बेहतर प्रदर्शन करेगा या फिर बहुमत खो देगा? इसका जवाब काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि वह 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में से सिर्फ चार में कैसा प्रदर्शन करता है.
इस चुनावी गणित को आसान भाषा में समझने के लिए हम राज्यों को तीन श्रेणियों में बांटते हैं. पहली श्रेणी में वो राज्य जहां बीजेपी मुख्य रूप से चुनावी जंग में नहीं है, दूसरे में जहां बीजेपी पूरी तरह से हावी है और तीसरी श्रेणी में वो राज्य जहां बीजेपी क्षेत्रीय दलों के साथ कड़ी टक्कर में है. चार दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना में बीजेपी अभी भी अपनी छाप छोड़ने के लिए संघर्ष कर रही है. पिछले दो लोकसभा चुनावों में पार्टी यहां 101 में से केवल चार सीटें ही जीत पाई थी. हालांकि, इस बार बीजेपी को अपनी सीटों की संख्या में बढ़त होने की उम्मीद है. राज्यों में कांग्रेस के साथ आमने-सामने की लड़ाई में, बीजेपी ने 2019 में 138 लोकसभा सीटों में से 133 और 2014 में 138 में से 121 सीटें हासिल कीं.
2019 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस 190 सीटों पर बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी थी. हालांकि, कांग्रेस केवल 15 सीटें ही जीत पाई, जबकि बाकी 175 सीटें बीजेपी के खाते में गईं. कांग्रेस नहीं बल्कि क्षेत्रीय दल ही तय करेंगे कि पीएम मोदी लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीतने के जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे या नहीं. छह प्रमुख राज्यों की कुल 244 सीटें, जहां बीजेपी का सीधा मुकाबला क्षेत्रीय पार्टियों से है. यूपी में इस बार समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अलग-अलग लड़ रही हैं, जैसे 2014 में थीं. उस साल जब SP और BSP का गठबंधन नहीं था, बीजेपी ने 80 में से 71 लोकसभा सीटें जीती थीं। 2024 में उम्मीद है बीजेपी की सीट नहीं भी बढ़ी फिर भी वो कम से कम अपनी 2019 की 62 सीटों की संख्या को दोहराएगी. इस बार महाराष्ट्र में दो शिवसेना और दो एनसीपी हैं. कोई भी निश्चित रूप से नहीं कह सकता कि महाराष्ट्र की यह उलझन लोकसभा चुनावों में बीजेपी को फायदा पहुंचाएगी या नुकसान.
बिहार में आरजेडी के साथ अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद नीतीश कुमार एनडीए के पाले में वापस आ गए हैं. लेकिन वोटर्स पर इसका क्या असर होगा? वहीं पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी का तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ कड़ा मुकाबला है. ओडिशा में बीजेपी और बीजू जनता दल के बीच गठबंधन की चर्चा थी, लेकिन अब दोनों एक दूसरे के खिलाफ सीधी लड़ाई में हैं. आंकड़ों से काफी हद तक ये स्पष्ट है कि चार राज्य महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा में जो पार्टी बीस पड़ेगी काफी हद तक सत्ता आने के उनके चांसेज बढ़ जाएंगे.
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