लोकसभा चुनाव 2019: पहले चरण का मतदान कल यानि 11 अप्रैल को होने जा रहा है. पहले चरण में 1279 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें 213 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं जिनमें- हत्या से संबंधित मामने, महिलाओं के खिलाफ अपराध और अपहरण सहित अन्य गंभीर मामले शामिल हैं.
नेशनल इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी का पता चला है. पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 1279 उम्मीदवारों में से 1266 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया था जिसके बिनाह पर यह पता चला है. 13 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके हलफनामों की जांच नहीं हो पाई क्योंकि उनके कागजात सही तरह से स्केन नहीं हो पाए थे.
रिपोर्ट के अनुसार, 1266 में से 12 फीसदी ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, 12 फीसदी दोषी ठहराया गया है. 10 उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा 302) से संबंधित मामलों की भी घोषणा की है.
हलफनामों की जांच के बाद रिपोर्ट् ग्रुप की रिसर्च के मुताबिक, 25 ऐसे उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा 307) से संबंधित मामलों की घोषणा की है. जबकि, चार ने अपहरण से संबंधित मामलों की घोषणा की है. 16 ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है और 12 ऐसे हैं जिन्होंने खुद के खिलाफ अभद्र भाषा से संबंधित मामले दर्ज होने की जानकारी दी है.
11 अप्रैल को होने वाले 91 निर्वाचन क्षेत्रों में से 37 रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र हैं. रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र का मतलब है कि वहां पर चुनाव लड़ रहे तीन या तीन से अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
कल चुनाव में हिस्सा ले रहे बीजेपी 83 उम्मीदवारों में 30 दागी है. जबकि कांग्रेस की तरफ से पर्चा दाखिल कर चुके 83 उम्मीदवारों में 35 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. बीएसपी के 32 में से 8, वाईएसआरसीपी के 25 में से 13, टीडीपी के 25 में से 4 और टीआर के 17 में से 5 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सात चरण में मतदान होने वाले हैं, जिसकी शुरुआत कल यानि 11 अप्रैल से होगी. सात चरणों में मतदान 19 मई तक देश के अलग-अलग हिस्सों में संपन्न कराए जाएंगे. 23 मई को वोटों की गिनती की जाएगी.