लोकसभा चुनाव 2019: लोकतंत्र का महापर्व शुरु हो चुका है. आज पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटों पर वोटिंग हो रही है. पहले चरण में 1279 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें 213 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं जिनमें- हत्या से संबंधित मामने, महिलाओं के खिलाफ अपराध और अपहरण सहित अन्य गंभीर मामले शामिल हैं. पार्टी वाइज बात करें तो आज पहले चरण में सबसे ज्यादा कांग्रेस के 35 दागी उम्मीदवार हैं वहीं दूसरे नंबर पर बीजेपी है जिसके 30 दागी उम्मीदवार मैदान में हैं. दोनों पार्टियों ने 83-83 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
नेशनल इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है.
पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 1279 उम्मीदवारों में से 1266 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया था जिसके बिनाह पर यह पता चला है. 13 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके हलफनामों की जांच नहीं हो पाई क्योंकि उनके कागजात सही तरह से स्केन नहीं हो पाए थे.
रिपोर्ट के अनुसार, 1266 में से 12 फीसदी ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, 12 फीसदी दोषी ठहराया गया है. 10 उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा 302) से संबंधित मामलों की भी घोषणा की है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक 1266 उम्मीदवारों में से 213 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें से 146 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
किस पार्टी में कितने दागी उम्मीदवार
- आज जिन सीटों पर वोटिंग हो रही है उनमें कांग्रेस के 83 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से 35 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 22 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामला है.
- बीजेपी- बीजेपी के 83 उम्मीदवारों में से 30 उम्मीदवार दागी हैं. इनमें से 16 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
- पहले चरण में बीएसपी के 32 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनसे में से 8 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
- वाईएसआरसीपी के 25 में से 13, टीडीपी के 25 में से 4 और टीआर के 17 में से 5 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
हलफनामों की जांच के बाद रिपोर्ट् ग्रुप की रिसर्च के मुताबिक, 25 ऐसे उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा 307) से संबंधित मामलों की घोषणा की है. जबकि, चार ने अपहरण से संबंधित मामलों की घोषणा की है. 16 ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है और 12 ऐसे हैं जिन्होंने खुद के खिलाफ अभद्र भाषा से संबंधित मामले दर्ज होने की जानकारी दी है.
11 अप्रैल को होने वाले 91 निर्वाचन क्षेत्रों में से 37 रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र हैं. रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र का मतलब है कि वहां पर चुनाव लड़ रहे तीन या तीन से अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सात चरण में मतदान होने वाले हैं, जिसकी शुरुआत आज से हो चुकी है. सात चरणों में मतदान 19 मई तक देश के अलग-अलग हिस्सों में संपन्न कराए जाएंगे. 23 मई को वोटों की गिनती की जाएगी.