गोरखपुर: तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीते रविकिशन, कहा- योगी जी ने कृष्ण के रूप में चुनाव की रणनीति की और मैं उनका अर्जुन बना रहा
गोरखपुर से बीजेपी उम्मीदवार रविकिशन ने 3,01,664 वोटों से जीत दर्ज की है. इस सीट पर उनका मुकाबला सपा उम्मीदवार रामभुआल निषाद से था.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में एक के बाद एक सीटों के नतीजे सामने आ रहे हैं. इसी बीच यूपी की सबसे चर्चित सीट गोरखपुर पर भी जनता का फैसला सामने आ गया है. गोरखपुर से बीजेपी उम्मीदवार रविकिशन ने 3,01,664 वोटों से जीत दर्ज की है. इस सीट पर उनका मुकाबला सपा उम्मीदवार रामभुआल निषाद से था.
जीत के बाद रविकिशन कहा कि योगी जी ने जो विश्वास दिखाया वो काबिले तारीफ है. उन्होंने कृष्ण के रूप में पूरे चुनाव की रणनीति की और मैं उनका अर्जुन बना रहा. रविकिशन ने कहा कि इसका पूरा श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यानाथ और गोरखपुर की जनता देता हूं. उनको सबको नमन करता हूं जिन्होंने मुझे वोट दिया.पूर्वांचल की राजनीति में गोरखपुर लोकसभा सीट की अहम भूमिका है. यह विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस, गुरु गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका, टेराकोटा शिल्प के लिए मशहूर है. इसके साथ ही मुंशी प्रेमचंद की कर्मस्थली, फिराक गोरखपुरी, पं. रामप्रसाद बिस्मिल की शहादत स्थली है. लोकसभा हो अथवा विधान सभा चुनाव, पिछले तीन-चार दशकों से गोरखनाथ मठ इसकी धुरी बना हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए फिर 1998 से लगातार 2017 तक लोकसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरखनाथ मंदिर की मानी जाने वाली गोरखपुर सदर लोकसभा सीट पर पूरे देश की नजर टिकी हुई थी. पांच बार से लगातार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ के साल 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद यूपी के मुख्यमंत्री बनते ही यूपी की फिजा ही बदल गई. उन्हें झटका तब लगा, जब साल 2018 में हुए उपचुनाव में गोरखपुर सीट भाजपा के खाते से खिसककर सपा के खाते में चली गई.
गोरखनाथ मंदिर और योगी की मानी जाने वाली गोरखपुर सीट बीजेपी के हाथ से निकल जाना सभी के लिए हतप्रभ करने वाला रहा. सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद ने साढे़ बाइस हजार वोटों के अंतर से भाजपा के उपेन्द्र दत्त शुक्ल को हरा दिया था.