यूपी: सपा-बसपा को कांग्रेस का रिटर्न गिफ्ट, महागठबंधन के खिलाफ 7 जगहों से नहीं उतारेगी कोई उम्मीदवार
बता दें कि यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. सपा-बसपा के महागठबंधन ने पहले ही अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी हैं. तीन सीटें राष्ट्रीय लोकदल को दी गई हैं. जबकि एक सीट पर रालोद का उम्मीदवार सपा के टिकट से लड़ेगा.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है. इसी बीच कांग्रेस पार्टी के एक एलान ने हलचल मचा दी है. कांग्रेस पार्टी ने मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव, कन्नौज में डिंपल यादव, बागपत में जयंत चौधरी और मुज़फ़्फ़रनगर में चौधरी अजीत सिंह के ख़िलाफ़ चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. इसके अलावा गोंडा और पीलीभीत सीट से भी कांग्रेस का कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं होगा. ये जानकारी प्रियंका गॉधी ने लखनऊ में पार्टी नेताओं को दी.
कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष राज बब्बर ने भी प्रेस कांफ्रेस कर इस बारे में जानकारी दी है.
सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस के लिए अमेठी रायबरेली सीट छोड़ दी थी. गठबंधन ने इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार ना उतारने का फैसला लिया था.
बता दें कि लोकसभा चुनाव का बिगुल बच चुका है, एक के बाद एक पार्टियां उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर रही हैं. यूपी फतह करने का सपना लिए राजनीतिक पार्टियों ने एक से एक दिग्गजों को मैदान में उतारा है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने अब तक यूपी के लिए 27 उम्मीदवारों का एलान किया है. कांग्रेस ने अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी लगातार पार्टी को मजबूती देने में लगी हुई हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों का बंटवारा प्रदेश के दोनों प्रभारियों के बीच कर चुके हैं. यूपी ईस्ट प्रभारी प्रियंका गांधी को 41 लोकसभा सीटों का प्रभार और यूपी वेस्ट प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को 39 लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस पार्टी की महासचिव बनने के बाद से ही प्रियंका गांधी संगठन को मजबूत करने में जुटी हैं. इसके लिए वह उत्तर प्रदेश में कई चरणों की बैठक कर चुकी हैं.
बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से भिड़ने के लिए महागठबंधन बनाया है. अखिलेश यादव कुछ छोटी पार्टियों के संपर्क में भी हैं.