लोकसभा: शिवपाल की पार्टी के स्टार प्रचारक बने पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह,कानपुर-बुंदेलखंड की मिली जिम्मेदारी
मलखान सिंह अर्कवंशी समाज से आते हैं अपने समाज में उनकी जबर्दस्त पकड़ है. कानपुर बुंदेलखंड कई जनपदों में अर्कवंशी समाज की अच्छी जनसंख्या है और मलखान सिंह को सुनने वालों की अच्छी भीड़ जमा होती है.
कानपुर: बीहड़ों में कई दशकों तक अपनी सल्तनत चलाने वाले डाकू मलखान सिंह अब सक्रिय राजनीति में उतर आए हैं. पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह को शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया गया है. उन्हें कानपुर बुंदेलखंड की जिम्मेदरी सौंपी गई है. दरअसल मलखान सिंह का कानपुर बुंदेलखंड के जनपदों से गहरा रिश्ता रहा है. मलखान सिंह अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए मशहूर हैं. उनका चंबल से लगे बांदा, हमीरपुर, महोबा, इटावा, मिश्रिख जैस लोकसभा सीटों में आज भी उनका वर्चस्व कायम है.
प्रसपा ने मलखान सिंह को धौरहरा लोकसभा सीट से कैंडिडेट बनाया है. इसके साथ ही स्टार प्रचारक की भी जिम्मेदारी दी गई है. मलखान सिंह अर्कवंशी समाज से आते हैं अपने समाज में उनकी जबर्दस्त पकड़ है. कानपुर बुंदेलखंड कई जनपदों में अर्कवंशी समाज की अच्छी जनसंख्या है. मलखान सिंह को सुनने वालों की अच्छी भीड़ जमा होती है. ठेठ और खड़ी बोलचाल की वजह से लोग उन्हें देखना और समझना भी चाहते हैं.
मलखान सिंह ने बीहड़ में अपनी जिंदगी के लगभग 18 साल बिताए हैं. मलखान सिंह डकैतों के सरगना थे, उनके गैंग ने कभी महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार नहीं किया है. महिलाओं से संबंधित उन पर एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है. इस बात पर वो आज भी फक्र महसूस करते हैं. वो अपने बयानों में इस बात का कई बार जिक्र कर चुके हैं कि मैंने हमेशा महिलाओं को इज्जत की है. उनके अधिकारों की भी लड़ाई लड़ी है और हमेशा लड़ता रहूंगा.
मलखान सिंह ने सन 1980 में एमपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने सपने साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया था. बीहड़ का रास्ता छोड़ कर आम नागरिकों की तरह जीवन यापन करने का वादा किया था. मलखान सिंह पर 32 पुलिस कर्मियों और 185 लोगों की हत्या का आरोप था. इसके साथ ही चार दर्जन से अधिक डकैती, अपहरण, लूट, रंगदारी के अपराधिक मामले दर्ज थे.
मलखान सिंह बांदा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. बांदा उनकी मनपसंद सीट थी बांदा से मलखान सिंह का गहरा लगाव है. जब वो दस्यु सरगना थे तो कई वर्षो तक बांदा के बीहड़ो और जंगलों में फरारी काटी है. बांदा के लोग उन्हें मल्लू के नाम से भी जानते हैं. गरीबों की मदद करना और साहूकारों से नफरत करना उनकी आदत में सुमार था. बांदा लोकसभा सीट से ददुआ के भाई बाल कुमार पटेल कांग्रेस पार्टी से चुनावी मैदान में हैं. ददुआ के भाई बाल कुमार के खिलाफ बांदा से चुनावी मैदान में मलखान सिंह नहीं उतरे.
बता दें पुलवामा आतंकी हमले से आहत पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह ने कहा था कि एमपी में 700 बागी बचे हैं अगर शासन चाहे तो बिना शर्त, बिना वेतन के हम अपने देश के लिए बार्डर पर मरने को तैयार हैं.
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