बोट यात्रा: हनुमान मंदिर पहुंची प्रियंका ने कहा- अपने लिए कुछ नहीं मांगा, देश का उत्थान हो
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में लगातार कांग्रेस के आधार को मजबूत करने में जुटी हैं. यूपी में कुल 80 सीटें हैं लोकसभा चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होंगे. गुरूवार 23 मई को देश की जनता को नई सरकार मिल जाएगी.
नई दिल्ली: कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी अपने उत्तर प्रदेश दौरे में आज प्रयागराज के लेटे हुए हनुमान मंदिर पहुंची. भगवान की पूजा अर्चना के बाद प्रियंका गांधी ने एबीपी न्यूज़ से कहा- अपने लिए कुछ नहीं मांगा, देश का उत्थान हो और शांति हो. मंदिर से निकलते ही पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया तो प्रियंका ने भी सबका दिल से अभिवादन किया.
बोट यात्रा पर आज प्रियंका गांधी करेंगी 'सांची बात', दादी इंदिरा को याद कर कहा- निडर बनो और सब अच्छा होगा हनुमान मंदिर के बाद प्रियंका ने संगम पर पूजा की. गंगा जल का आचमन किया. प्रियंका गांधी यहीं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की यात्रा नाव से करेंगी. दो दिनों की इस यात्रा को ‘गंगा-जमुनी तहजीब यात्रा’ का नाम दिया गया है. रविवार को लखनऊ से इलाहाबाद पहुंची प्रियंका गांधी स्वराज भवन गईं. जहां उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी को याद किए. यूपी: प्रियंका की मुलाकात नहीं आई काम, भीम आर्मी ने कहा- कांग्रेस का नहीं देंगे साथप्रियंका का पूरा कार्यक्रम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला के मुताबिक, प्रियंका अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर कार्यकर्ताओं और समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों से मुलाकात करेंगी. प्रियंका के लिए 19 मार्च की शाम को वाराणसी के मशहूर अस्सी घाट पर एक स्वागत समारोह भी रखा गया है और वह 20 मार्च को दिल्ली रवाना होने से पहले काशी विश्वनाथ के दर्शन भी करेंगी.
प्रियंका गांधी ने यूपी के लोगों को लिखा था खत पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका ने कल भावनात्मक पत्र लिखा. प्रियंका ने अपने खुले खत में कहा, ''उत्तर प्रदेश के लोगों से मेरा नाता बहुत पुराना है. आज कांग्रेस पार्टी की सिपाही के रूप में मेरी जिम्मेदारी आपके सबके साथ मिलकर उत्तर प्रदेश की राजनीति को बदलने की है.''
उन्होंने कहा, ''प्रदेश की राजनीति में एक ठहराव के कारण आज युवा, महिलाएं, किसान और मजदूर परेशानी में हैं. वे अपनी बात अपनी पीड़ा साझा करना चाहते हैं, लेकिन राजनीतिक गुणा-गणित के शोर में युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों की आवाज प्रदेश की नीतियों से पूरी तरह गायब है.''