'आप' ने आरोप लगाया है कि हंस ने 2014 में कथित तौर पर धर्म परिवर्तन करके इस्लाम अपना लिया था, इसलिए वह उत्तरी पश्चिमी दिल्ली सुरक्षित सीट से आम चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है.
हंस ने कहा, ‘‘मैं उर्दू बोलता हूं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं मुस्लिम हूं. क्या हिंदी बोलने वाला मुसलमान हिंदू हो जाता है?’’ केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर दावा किया था कि हंस को अंतत: चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया जाएगा इसलिए मतदाता उन पर अपना वोट बर्बाद नहीं करें.
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हंस ने इस आरोप का खंडन किया और कहा कि अगर वह अपना धर्म परिवर्तन करते तो उनके अपने ही परिवार के लोग उन्हें घर से बाहर निकाल देते. उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक वाल्मीकि परिवार में जन्मा हूं और मेरी मां संत वाल्मीकि की पूजा करती हैं. अगर मैं धर्मपरिवर्तन कर इस्लाम कबूल करता तो वह (मां) मुझे मार ही डालतीं.’’
आप संयोजक पर फर्जी खबर फैलाने का आरोप लगाते हुए हंस ने कहा, ‘‘मैं बहुत आहत हूं. मेरे पास हंसराज हंस नाम से पासपोर्ट है. मैं केजरीवाल और अन्य आप नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करूंगा.’’
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केजरीवाल सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बृहस्पतिवार को उन खबरों का हवाला दिया था जिनमें दावा किया गया था कि हंस ने इस्लाम अपना लिया था और उन्होंने अपने नामांकन पत्र में यह जानकारी नहीं दी है.
हंस ने कहा कि उन पर इस्लाम अपनाने का आरोप लगाकर केजरीवाल और अन्य आप नेताओं ने वामिल्की समुदाय की भावनाओं को भी आहत किया है. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल और उनकी पार्टी विरोधियों पर निराधार आरोप लगाकर विश्वसनीयता खो रहे हैं और फिर माफी मांग रहे हैं. हंस के खिलाफ उत्तर पश्चिम दिल्ली से कांग्रेस के राजेश लिलोठिया और आप के गुगन सिंह मैदान में हैं.