कानपुर: सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद समाजवादी पार्टी अपने गढ़ कन्नौज में खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है. कन्नौज लोकसभा सीट से डिंपल यादव मैदान में हैं और लगातार सांसद बनी हुई हैं. डिंपल यादव के विजय रथ को रोकने के लिए बीजेपी विधानसभा वार योजना बना रही है. कन्नौज लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीट हैं. जिसमें से बीजेपी के खाते में 4 सीटें है और सपा के खाते में एक विधासभा सीट है. बीजेपी इस गणित का पूरा लाभ उठाना चाहती है और एक रणनीति के तहत योजना तैयार कर रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में जब डिंपल यादव जीती थीं उस वक्त कन्नौज की सभी विधानसभा सीटों पर सपा के विधायक थे. इसके बाद भी डिंपल यादव की जीत का अंतर महज 13,907 वोटों का था.
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2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कन्नौज लोकसभा सीट जीत कर सपा के गढ़ में कब्ज़ा करना चाहती है. बीजेपी इस सीट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. इसके साथ ही तरह-तरह की योजनाएं तैयार कर रही है. जानकारी के मुताबिक कन्नौज संसदीय क्षेत्र में बीजेपी के चार विधायक हैं. चारो विधायकों को योजना के अंतर्गत काम करने के निर्देश दिए गए हैं.
2017 के विधानसभा चुनाव में कन्नौज लोकसभा क्षेत्र की तिर्वा विधानसभा सीट से बीजेपी के कैलाश राजपूत विधायक हैं, छीबरामऊ विधानसभा सीट से अर्चना पाण्डेय विधायक हैं जो प्रदेश सरकार में मंत्री हैं, कन्नौज सदर विधानसभा सीट से सपा के अनिल कुमार दोहरे विधायक हैं, जनपद औरया की बिधूना विधानसभा सीट से बीजेपी के विनय शाक्य विधायक हैं, जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद से निर्मला शंखवार विधायक हैं. बीजेपी के सभी विधायकों की अपनी-अपनी विधानसभाओं में जबर्दस्त पकड़ है. बीजेपी इसी मजबूत कड़ी को और भी मजबूत बनाकर समाजवादी पार्टी को घेरने के प्रयास में जुटी है.
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बीजेपी का मानना है कि जब 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सभी विधानसभा सीटों पर सपा के विधायक थे. इसके बाद डिंपल यादव मात्र 13,709 वोटों से जीत दर्ज कर पाई थीं. बीजेपी ने एक बार फिर से डिंपल यादव के खिलाफ सुब्रत पाठक पर भरोसा जताया है. सुब्रत पाठक की ब्राह्मण वोटरों में जबर्दस्त पकड़ है.
कन्नौज संसदीय क्षेत्र में 18,53,987 मतदाता हैं,जिसमें से पुरुष वोटरों की संख्या 10,13,505 है और महिला मतदाताओं की संख्या 840482 है. कन्नौज में 1553 मतदाता केंद्र है. इस संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी का बीते 23 वर्षो से राज है. सपा के आलावा किसी अन्य पार्टी का प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर पाया है. बीजेपी ने सन 1996 में कन्नौज लोकसभा सीट जीती थी और चंद्रभूषण सिंह सांसद बने थे.
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर भी सपा से कन्नौज की सीट छीन नहीं पाई थी. डिंपल यादव ने बीजेपी के सुब्रत पाठक को 13,907 वोटों से हराया था. सपा की डिंपल यादव को 4,89,164 वोट मिले थे. बीजेपी के सुब्रत पाठक को 4,69,257 हासिल हुए थे.