Election 2024: पंजाब में खुल रही I.N.D.I.A गठबंधन की गांठ, आप और कांग्रेस लोकसभा की सभी 13 सीटों पर अकेले लड़ना चाहती है चुनाव
Election: सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी दिल्ली में जहां 7 में से 3 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ने को तैयार है, तो वहीं पंजाब में वह झुकना नहीं चाहती. आप ने विधानसभा में 117 में से 92 सीटें जीती थीं.
Lok Sabha Election 2024: एक तरफ इंडिया गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ने और सीटों के बंटवारे को लेकर बन रही टकराहट की स्थिति को दूर करने के लिए बैठकें कर रहा है, तो दूसरी तरफ इसी गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच पंजाब में अलग ही टकराहट देखने को मिल रही है. पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली सफलता को भुनाने के लिए आप अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में यहां अकेले लड़ना चाहती है.
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 92 सीटें हासिल कर सत्ता हासिल की थी. उसने कांग्रेस को हराया था. वहीं कांग्रेस सिर्फ 18 सीटें जीत पाई थी. ऐसे में आम आदमी पार्टी यहां गठबंधन में लड़ने से बचना चाहती है. हालांकि अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
कांग्रेस भी नहीं है गठबंधन के मूड में
वहीं सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस भी पंजाब में AAP के साथ बिना किसी गठबंधन के लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छुक है, क्योंकि उसे 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने की उम्मीद है. पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं. यहां कांग्रेस ने 2019 में हुए चुनाव में 13 लोकसभा सीटों में से आठ पर जीत दर्ज की थी, जबकि AAP सिर्फ एक और SAD-भाजपा गठबंधन चार सीट जीतने में सफल रही थी.
दिल्ली में बनती दिख रही सहमति
वहीं, दिल्ली में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं. सूत्रों ने बताया कि AAP दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से तीन कांग्रेस के लिए छोड़ने को तैयार है. विपक्षी खेमे का भी मानना है कि कांग्रेस और आप के पास अकेले लड़ने और इसे त्रिकोणीय मुकाबला बनाने के बजाय एक टीम के रूप में उतरने पर अधिकांश लोकसभा सीटें जीतने की बेहतर संभावना है. 2014 और 2019 के आम चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटें जीतीं हैं. वहीं विधानसभा की बात करें तो 2020 में 70 सदस्यीय विधानसभा में आप ने 62 सीटें जीतकर तीसरी बार सत्ता हासिल की थी.
30 दिसंबर के बाद हो सकती है बात
पंजाब और दिल्ली में सीट बंटवारे पर चर्चा 30 दिसंबर के बाद होने की उम्मीद है. तब तक केजरीवाल विपश्यना से आ जाएंगे. बता दें कि नवंबर में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विश्वास जताया था कि AAP राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटें जीतेगी. इस मौके पर केजरीवाल भी मौजूद थे. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उम्मीद जताई कि दिल्ली और पंजाब की 'समस्या' आखिरकार सुलझ जाएगी.
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