Election 2024: बीजेपी का यह फॉर्मूला कर्नाटक में कर सकता है बड़ा खेल, लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की उड़ी नींद
Karnataka Election: जनता दल (सेक्युलर) इस बार मांड्या, हसन, बेंगलुरु (ग्रामीण) और चिकबल्लापुर सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती है. हालांकि पिछले चुनाव में उसने सिर्फ हसन सीट पर पर जीत दर्ज की थी.
Loksabha Election 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Election) के लिए जहां विपक्षी दल एक होकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को घेरने की तैयारी में लगे हैं, वहीं, बीजेपी भी फिर से सत्ता में आने के लिए तमाम कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में कर्नाटक (Karnataka) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. चर्चा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में जनता दल (सेक्युलर) बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकती है.
चर्चा को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के उस बयान से और बल मिला है जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) के बीच 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए समझौता हो गया है. हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह अंतिम नहीं है... इस पर आगे चर्चा की जाएगी और राज्यसभा सांसद लहर सिंह को इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए अधिकृत किया गया है.
इससे पहले येदियुरप्पा ने कहा था कि JDS चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी और यह समझौता हमें 25 या 26 सीटें जीतने में मदद करेगा. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीएस मांड्या, हसन, बेंगलुरु (ग्रामीण) और चिकबल्लापुर सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. हालांकि पिछले चुनाव में उसने सिर्फ हसन पर जीत दर्ज की थी. वहीं, बीजेपी ने 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में अपने दम पर 25 सीटें जीतीं थीं.
बीजेपी इसलिए कर सकती है गठबंधन
भारतीय जनता पार्टी जेडीएस के साथ गठबंधन इसलिए भी कर सकती है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में उसे यहां हार मिली है. इस नतीजों से पहले वह सत्ता में थी और लोकसभा चुनाव में भी उसने अच्छा प्रदर्शन किया था, पर पांच साल में समीकरण बदल गया है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के कुछ नेता इस गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं. इसकी वजह है जेडीएस का इस साल हुए विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन. इसके अलावा विपक्ष के गठबंधन INDIA जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, शिवसेना यूबीटी और कई अन्य शामिल हैं. उनके पास कुछ न कुछ वोट शेयर है.
इस तरह बदल सकता है सम्मीकरण
अगर वोटों के सम्मीकरण को देखें तो जेडीएस और बीजेपी का गठबंधन इसलिए भी खेल बदल सकता है क्योंकि कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय लगभग 17 फीसदी है. बीएस येदियुरप्पा भी लिंगायत समुदाय से हैं. वोक्कालिगा समुदाय की संख्या करीब 15 फीसदी है. वोक्कालिगा परंपरागत रूप से जेडीएस का वोटर वोटर माना जाता है. जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा वोक्कालिगा समुदाय से ही हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों में गठबंधन होता है तो यहां एनडीए का वोट बेस लगभग 32 प्रतिशत तक हो सकता है.
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