MP Elections 2023: बालाघाट विधानसभा सीट पर बाप-बेटी की टक्कर में बिगड़ेगा बीजेपी का खेल या गौरीशंकर बिसेन पार लगाएंगे नैया?
MP Election 2023: मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस और BJP में टिकट बंटवारे के बाद से ही उठापटक मची हुई है. दोनों दलों में खींचतान चल रही है. इस बीच यहां की बालाघाट सीट चर्चा में आ गई है.
Madhya Pradesh Election 2023: मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे यहां कई सीटों पर मुकाबला रोचक होता दिख रहा है. ऐसी ही एक सीट है बालाघाट, जहां दिलचस्प स्थिति बनती जा रही है और आने वाले समय में यहां बाप-बेटी के बीच भी मुकाबला देखने को मिल सकता है. हालांकि वास्तविक स्थिति 30 अक्टूबर को ही साफ हो सकेगी.
दरअसल, इस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने मौसम बिसेन को अपना प्रत्याशी घोषित कर रखा है. गुरुवार (26 अक्टूबर) को उनके पिता गौरीशंकर बिसेन ने भी इस सीट से निर्दलीय नॉमिनेशन फाइल कर दिया. बताया जा रहा है कि मौसम बिसेन की तबीयत ज्यादा खराब है इसलिए वह नामांकन नहीं कर पाईं. उनके पिता ने बैकअप के तौर पर नामांकन किया है, ताकि विकल्प बना रहे. बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामांकन की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है.
क्या है पूरा मामला
भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दिनों इस सीट पर मौसम बिसेन को अपना प्रत्याशी घोषित किया था. वह चुनाव की तैयारियों में जुट गईं थीं. इस बीच उनकी तबीयत खराब हो गई और नामांकन नहीं कर पा रही हैं. चर्चा है कि इसी वजह से उनके पिता और पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर गौरीशंकर बिसेन ने आखिरी पलों में नामांकन किया है. हालांकि वह चुनाव लडेंगे या नहीं, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है.
पिता ने क्या दी सफाई
मंत्री बिसेन ने बताया कि मौसम की तबीयत ज्यादा खराब है और वह स्वास्थ्य कारणों से ही अभी तक अपना नामांकन नहीं कर सकी है. उन्होंने बस एहतियातन यह पर्चा दाखिल किया है. बाद में पार्टी तय करेगी कि उन्हें चुनाव लड़ना है या नहीं. पार्टी उन्हें जो कहेगी, वो वह करने को तैयार हैं.
कौन हैं गौरीशंकर बिसेन
गौरीशंकर बिसेन बालाघाट सीट से 9 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. 9 में से 7 बार वह जीत हासिल करने में सफल रहे. इसके अलावा वह 2 बार लोकसभा चुनाव (1998 औऱ 2004) में भी किस्मत आजमा चुके हैं और दोनों ही बार उन्हें जीत मिली. बिसेन पहली बार वर्ष 1985 में विधायक बने थे.
क्या-क्या हो सकते हैं विकल्प
अगर मौसम सिंह बिसेन 30 अक्टूबर तक नामांकन कर देती हैं तो वह बीजेपी की उम्मीदवार रहेंगी. पर 30 तक नामांकन न करने की स्थिति में बीजेपी गौरीशंकर को बी-फॉर्म देकर उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है. पर गौरीशंकर और मौसम दोनों ही नामांकन डाल दें तो यहां बाप-बेटी एक दूसरे के सामने होंगे.
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