Madhya Pradesh Election 2023: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजयी रथ को रोकने के लिए कई विपक्ष दलों ने मिलकर I.N.D.I.A गठबंधन बनाया. पर चंद महीने बाद ही यह गठबंधन पटरी से उतरता दिख रहा है और अब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान इस गठबंधन का सियासी एक्सरे, सीटी स्कैन और एमआरआई होने लगा है.
दरअसल, इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस और महत्वपूर्ण गठबंधन सहयोगी समाजवादी पार्टी के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. पहले मध्य प्रदेश में टिकट बंटवारे को लेकर दोनों के बीच लंबी तकरार चली, उसके बाद अब रही सही कसर ओबीसी मुद्दे पर कांग्रेस और राहुल के दावों ने निकाल दी है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस मसले पर लगातार कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं.
कांग्रेस के खिलाफ लगातार बोल रहे अखिलेश यादव
ओबीसी मुद्दे पर राहुल गांधी के लगातार किए जाने वाले वादे पर अखिलेश यादव ने कहा, “देखिए जिस समय एक्सरे होना था, तब एक्सरे का समय था, आज सीटी स्कैन है, एमआरआई है, बीमारी और बड़ी हो गई है, जो लड़ाई लड़नी थी उस समय ही लड़ाई लड़ ली होती है तो समाधान हो जाता, आज समाज में समस्या इतनी बड़ी नहीं होती, कांग्रेस वो पार्टी है जिसने आजादी के बाद जातीय जनगणना नहीं करवाई.”
चुनावी जनसभाओं में बीजेपी संग कांग्रेस को भी घेर रही सपा
मध्य प्रदेश में टिकट बंटवारे पर अनदेखी से नाराज अखिलेश यादव ने पहले तो कांग्रेस को जमकर घेरा था, लेकिन अब उन्होंने यहां जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी है. वह एमपी में 71 सीटों पर खड़े समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहे हैं. वह अपनी जनसभा और रैलियों में बीजेपी और कांग्रेस को जमकर घेर रहे हैं.
यहां से शुरू हुई दोनों के बीच तकरार
दरअसल, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने कमलनाथ को समर्थन दिया था. अखिलेश को उम्मीद थी कि इंडिया गठबंधन में होने की वजह से उसे कांग्रेस 6 सीट देगी औऱ दोनों गठबंधन में लड़ेंगे लेकिन कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में एसपी को एकदम दरकिनार कर दिया. इस तरह नजरअंदाज होने के बाद से ही सपा ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है.
इस तरह कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है सपा
बेशक मध्य प्रदेश में सपा का जनाधार सीमित हो, लेकिन उसके मैदान में होने से कांग्रेस को कई सीटों पर भारी नुकसान हो सकता है. बात अगर 2018 के चुनाव की करें तो तब एसपी को 1.30 फीसदी वोट मिले थे. सपा ने तब 1 सीट पर जीत दर्ज की थी. जबकि 5 सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रही थी.
सपा ही नहीं, आम आदमी पार्टी भी एमपी में 'बागी'
मध्य प्रदेश में सिर्फ समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रही है. माना जा रहा है कि कुछ सीटों पर कांग्रेस को आप से भी नुकसान पहुंच सकता है. दरअसल, गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया था.
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