MP and Rajasthan Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने लगभग सभी सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. चुनाव संग्राम में बेशक अभी काफी दिन बाकी हों लेकिन टिकट को लेकर घमासान जारी है. टिकट पाने वाले और टिकट गंवाने वाले एक-दूसरे के सामने हैं. सड़कों पर धरना प्रदर्शन का दौर शुरू हो चुका है. कई जगह समर्थक पुतला तक जला रहे हैं.


टिकट को लेकर यह कलह सिर्फ एक पार्टी की कहानी नहीं, बल्कि लगभग सभी दलों की है, लेकिन सबसे ज्यादा ड्रामा कांग्रेस और बीजेपी में देखने को मिल रहा है. टिकट के लिए यह मारामारी सिर्फ मध्य प्रदेश में ही नहीं, बल्कि राजस्थान में भी देखने को मिल रही है. यहां भी टिकट कटने से नाराज दावेदार और उनके समर्थक पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे हैं.


कमलनाथ को झेलना पड़ रहा विरोध


टिकट बंटवारे के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ सबसे ज्यादा विरोध नजर आ रहा है. उनके घर के बाहर नाराज दावेदार प्रदर्शन करने पहुंच रहे हैं. सोमवार (23 अक्टूबर) को भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला. यहां हंगामा कर रहे लोगों की मांग थी कि शुजालपुर से रामवीर सिकवार की जगह योगेंद्र सिंह बंटी को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जाए. हजारों की संख्या में जुटी भीड़ लगातार नारे लगा रही थी.. ‘यूपी वाला नहीं चलेगा... दारू वाला नहीं चलेगा’.


इन सीटों के लिए मचा है बवाल


मध्य प्रदेश कांग्रेस में बगावत के सुर वैसे तो कई सीटों पर नजर आ रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसी सीट है जहां यह बड़े स्तर पर हो रहा है. इनमें से कुछ सीटें ये हैं...



  • गोविंदपुरा सीट को लेकर महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. यहां महिला कार्यकर्ताओं की मांग है कि गोविंदपुरा से दीप्ति सिंह को टिकट दिया जाए, जबकि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के समर्थक रवींद्र साहू को यहां से उतारा है. दीप्ति सिंह के समर्थकों का दावा है कि रवींद्र साहू आरएसएस और बजरंग दल के करीबी हैं.

  • बड़नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक मुरली मोरवाल की जगह राजेंद्र सिंह सोलंकी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे मुरली के समर्थक नाराज हैं. रविवार (22 अक्टूबर) को मुरली के समर्थकों ने कमलनाथ के घर के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश भी की थी.


बीजेपी में भी ऐसी ही नाराजगी


ऐसा नहीं है कि बगावत सिर्फ कांग्रेस में हो. कुछ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के अंदर भी विरोध देखा जा सकता है. यहां बीजेपी में सबसे बड़ा विरोध सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जनपद सीहोर की आष्टा सीट पर देखने को मिल रहा है. यहां से विधायक रघुनाथ मालवीय का पार्टी ने टिकट काट दिया है. इससे दुखी रघुनाथ मालवीय अपने समर्थकों के सामने रोने लगे. ऐसी स्थिति कई और सीटों पर भी है. दरअसल, बीजेपी ने यहां 3 मंत्रियों सहित 29 विधायकों के टिकट काटे हैं.


राजस्थान की सियासत में भी मची है हलचल


टिकट को लेकर जो बवाल मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अंदर है, वही स्थिति राजस्थान में बीजेपी के साथ है. बीजेपी राजस्थान में 124 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है. यहां करीब 24 सीटों पर विवाद है. जिन लोगों के टिकट काटे गए हैं या ऐसे दावेदार जिन्हें टिकट नहीं मिला है उनके समर्थक पार्टी के खिलाफ खूब विरोध कर रहे हैं.


बीजेपी में यहां-यहां मचा है हंगामा


वैसे तो राजस्थान की अलग-अलग सीटों पर इन दिनों आपको बीजेपी समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन दिख जाएगा. पर कुछ सीटों पर मची बगावत ने पार्टी की नींद उड़ा दी है.




    • चितौड़गढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी ने नरपत सिंह राजवी को उतारा है, जो अभी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से विधायक हैं. राजवी को टिकट मिलने से चितौड़गढ़ के मौजूदा विधायक चंद्रभान और उनके समर्थक बागी हो गए हैं. तीन दिनों से चितौड़गढ़ की सड़कों पर चंद्रभान के समर्थक उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.






  • जयपुर की विद्याधर नगर सीट से विधायक राजवी की जगह दीया कुमारी को टिकट दिया गया है. दीया कुमारी को टिकट मिलने से राजवी के समर्थक नाराज बताए जा रहे हैं.

  • उदयपुर में ताराचंद जैन को टिकट मिलने से नाराज शहर के डिप्टी मेयर पारस सिंघवी के समर्थकों ने सोमवार (23 अक्टूबर) को जुलूस निकाला. पारस सिंघवी इस दौरान समर्थकों के बीच भावुक भी हो गए.

  • उधर राजसमंद से लेकर भीलवाड़ा तक टिकट कटने से नाराज नेताओं के समर्थकों का धरना प्रदर्शन और हंगामा चल रहा है.






कांग्रेस में भी सब कुछ ठीक नहीं


मध्य प्रदेश में बगावत से परेशान कांग्रेस की मुसीबत राजस्थान में भी कम होती नहीं दिख रही. यहां भी कई सीटों पर उसे बड़ा विरोध झेलना पड़ रहा है. इसमें सबसे चर्चित विरोध है शांति धारीवाल का. कांग्रेस यहां अब तक दो लिस्ट में 78 नामों का ऐलान कर चुकी है, लेकिन अभी तक धारीवाल को टिकट नहीं मिला है. नाराज धारीवाल ने मीडिया में हाल ही में कहा कि, “मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है... वही होता है जो मंजूर ए सोनिया गांधी होता है.”


उनका ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. बता दें कि शांति धारीवाल वो नेता हैं जो राजस्थान कांग्रेस में बदलाव की बात उठने के दौरान अशोक गहलोत के पक्ष में खड़े थे. तब उन्होंने कहा था कि राजस्थान में जो कुछ हैं वो अशोक गहलोत हैं कोई और नहीं. धारीवाल ने कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व पर भी सवाल उठाए थे. बताया जा रहा है कि धारीवाल के नाम पर सोनिया औऱ राहुल गांधी आपत्ति जता चुके हैं.


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