Madhya Pradesh Election: क्या यशोधरा बना रहीं हैं सिंधिया के लिए CM की कुर्सी तक का रास्ता? शिवपुरी से चुनाव न लड़ने की घोषणा से BJP में खलबली
Election: इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार यह चर्चा हो रही है कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो वह सीएम से लेकर बड़े मंत्री पदों पर नए चेहरों को मौका दे सकती है.
Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में बीजेपी की तरफ से सीएम और टॉप लेवल के चेहरों के बदलाव की अटकलों के बीच एक और बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने आगामी विधानसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा की है. इसके बाद से बीजेपी में खलबली मच गई है और अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या उन्होंने शिवपुरी सीट अपने भतीजे और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए खाली की है, क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
गुरुवार को शिवपुरी में एक सभा को संबोधित करते हुए यशोधरा ने कहा, “मैंने पहले ही तय कर लिया था कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी. मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं. एक तरह से ये मेरा अलविदा है. मैंने सदैव अपनी मां राजमाता राजे सिंधिया के पदचिह्नों पर चलने का प्रयास किया है. उन्हीं की प्रेरणा से मैंने यह निर्णय लिया है. आज मैं आप सभी से प्रार्थना करती हूं कि आप सभी इस फैसले में मेरा साथ देंगे.”
नई पीढ़ी को आगे आने की कही बात
यशोधरा ने आगे कहा, “समय बीत चुका है और नई पीढ़ी को आगे आना चाहिए. यह कदम उस पत्र के बाद उठाया गया है जिसमें उन्होंने अगस्त में बीजेपी के शीर्ष नेताओं को इस साल के अंत में होने वाले चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले के बारे में लिखा था.” वहीं, प्रदेश बीजेपी प्रमुख वीडी शर्मा का कहना है कि यशोधरा ने यह फैसला स्वास्थ्य कारणों की वजह से लिया है.
चल रहीं कई तरह की अटकलें
वहीं, बीजेपी के हलकों में अटकलों ने जोर पकड़ लिया है. इसमें सबसे बड़ी चर्चा ज्योतिरादित्य सिंधिया के विधानसभा चुनाव लड़ने और भविष्य में उनकी सीएम की दावेदारी जैसी बात भी है. इन अटकलों को बल कई बातों से मिल रहा है. दरअसल, इस बार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने सीएम फेस का ऐलान नहीं किया है. दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान भी अपने भाषणों में भावुक होकर लगातार ऐसी बातें बोल रहे हैं, जिससे लगता है कि वह इस बार सीएम की रेस में नहीं होंगे. इसके अलावा बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए दो केंद्रीय मंत्री समेत चार सांसदों को मैदान में उतारा है. ये सब बातें यहां बीजेपी में बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही हैं.
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