MP Assembly Election Result 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरान किया है. चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भी यहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कड़े मुकाबले की बात कही गई थी. वोटिंग के बाद आए तमाम एग्जिट पोल में भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर और हंग असेंबली तक का अनुमान लगाया गया था, लेकिन जब नतीजे आए तो उसने सभी अटकलों को पलटकर रख दिया. खुद कांग्रेस को भी इतनी बड़ी हार पर भरोसा नहीं हो रहा था.


इस नतीजे के बाद बीजेपी की जीत के कारणों, शिवराज सिंह चौहान की कल्याणकारी योजनाओं और अन्य पहलुओं पर बात होने लगी. अब भी लोग जानना चाहते हैं कि आखिर बीजेपी की इस प्रचंड जीत के पीछे असली वजह क्या है, क्यों सीएम फेस के बिना भी भगवा पार्टी कांग्रेस से इतना आगे निकल गई. आइए हम बताते हैं बीजेपी की इस जीत की बड़ी वजह.


जमीन के साथ-साथ टेक्नॉलजी की भी ली मदद


बीजेपी ने इस चुनाव को जीतने के लिए राज्य के 14 जिलों में पार्टी के 14 वरिष्ठ नेताओं को तैनात किया, मतदाताओं तक पहुंचने के लिए 42,000 से अधिक वॉट्सऐप ग्रुप बनाए और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से निर्धारित चुनावी रणनीति को पूरा करने के लिए 40 लाख से अधिक बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को शामिल किया. इस तरह बीजेपी ने अपनी जीत की स्क्रिप्ट लिखी.


बूथ को मजबूत करने पर रहा जोर


भाजपा की राज्य इकाई के सदस्यों का कहना है कि पार्टी ने पिछले साल जनवरी से ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. पहला प्लान बूथ को मजबूत करना था. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे की याद में भाजपा ने राज्य के 64,523 बूथों में से प्रत्येक पर एक बूथ समिति बनाने का अभियान चलाया. पिछले साल मार्च तक बूथ समितियों का गठन किया गया. 14 से अधिक वरिष्ठ नेताओं को एक-एक जिला सौंपा गया और उन्हें लोगों की शिकायतें सुनने का काम दिया गया. इस तरह मजबूत बूथ संरचना ने बीजेपी की जीत का रास्ता बनाया.


सदस्यता अभियान के सहारे भी जोड़े वोटर


बूथ स्तर के काम के बाद पार्टी ने इस साल अगस्त में एक सदस्यता अभियान भी चलाया, जिसके तहत 17 लाख से अधिक नए लोग पार्टी में शामिल हुए. इस अभियान के तहत हर बूथ पर कम से कम 10 नए एससी/एसटी और 10 नए महिला सदस्य बनाने का टारगेट दिया गया. इस अभियान के माध्यम से 10,916 शक्ति केंद्र बनाए गए और 84.6 प्रतिशत बूथों पर पन्ना प्रमुख थे. बीजेपी ने पार्टी के चुनावी संदेश को प्रसारित करने के लिए 64,000 बूथों के बीच 42,000 से अधिक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाए.


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