Madhya Pradesh Election Result 2023: 'महिला सशक्तिकरण की आवाज हूं, मैं शिवराज हूं' और 'ऐसा भईया मिलेगा नहीं, चला जाऊंगा तो याद आऊंगा...', मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाहौन का ये इमोश्नल कार्ड, जिसे लोगों ने कम आंका यहां तक की भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी उनके नाम की घोषणा चौथी लिस्ट में की. मुख्यमंत्री उम्मीदवार के लिए भी उनके नाम का ऐलान नहीं किया गया, लेकिन शिवराज के इस इमोश्नल कार्ड ने पूरा पासा पलट दिया और वह सबसे बड़े बाहुबली बनकर उभरे. रुझानों में शिवराज सिंह चौहान जीत के बेहद करीब हैं. बुधनी विधानसभा सीट पर एक बार फिर वह जीत का परचम लहराने को तैयार हैं.
रुझान बता रहे हैं कि बीजेपी जीत के बेहद करीब है. हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं हुई, लेकिन रुझान बता रहे हैं कि पार्टी प्रचंड जीत के साथ एक बार फिर राज्य की सत्ता में काबिज होगी. मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डबल-इंजन की सरकार को जाता है. उन्होंने कहा कि राज्य में ना तो बीजेपी विरोधी लहर है और ना ही कभी होगी. वहीं, मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे मामलों में पार्टी नेतृत्व फैसला लेती है.
चौथी लिस्ट में मिला टिकट
इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई प्रयोग किए. तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारकर मुकाबला कड़ा कर दिया. ऐसे में सवाल उठने लगे कि इस बार शिवराज सिंह चौहान को सीएम बनाया जाएगा या नहीं क्योंकि मैदान में इस बार कई बड़े चेहरे हैं. पार्टी ने चौथी लिस्ट में शिवराज के नाम का ऐलान किया और उन्हें उनकी परंपरागत सीट से टिकट मिला. इसके चलते इन चर्चाओं ने जोर पकड़ा कि पार्टी का शिवराज को लेकर इस बार क्या प्लान है जो चौथी लिस्ट में नाम की घोषणा की गई.
जन आशीर्वाद यात्रा से कन्नी काटन को मजबूर होना पड़ा
बीजेपी ने चुनावी राज्यों में जन आशीर्वाद यात्राएं कीं. यात्राओं के लिए पार्टी ने शिवराज के बजाय केंद्रीय मंत्रियों पर ज्यादा भरोसा जताया और यात्राओं की जिम्मेदारी उन्हें ही दी गई. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान को जन आशीर्वाद यात्रा से कन्नी काटने को मजबूर होना पड़ा. वह चुनाव प्रचार में भी उस तरह से सक्रिय नजर नहीं आए, जिस तरह पिछले चुनावों में वह स्टार कैंपेनर की तरह दिखाई देते थे.
इमोश्नल कार्ड
चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई कार्यक्रमों के दौरान बेहद इमोश्नल बातें भी करते नजर आए. 'महिला सशक्तिकरण की आवाज, मैं शिवराज हूं, मैं शिवराज हूं', 'ऐसा भइया मिलेगा नहीं, चला जाऊंगा तो याद आऊंगा', शिवराज के ये इमोश्नल स्लोगन काफी चर्चाओं में रहें. पार्टी ने उनके लिए जो भी प्लान बनाया है, वह भी आने वाले समय में पता चल ही जाएगा, लेकिन पार्टी शिवराज सिंह चौहान के दावों को नकारना मुश्किल होगा, जिन्होंने महिलाओं पर केंद्रित योजनाओं के साथ पार्टी को मध्य प्रदेश में जीत दिलाने का जिम्मा संभाला
शिवराज सिंह चौहान का चुनाव अभियान मुख्यरूप से लाडली योजना, महिलाओं के लिए राज्य की सरकारी नौकरी में 35 फीसदी कोटा जैसी घोषणाओं समेत महिलाओं पर केंद्रीत स्कीम्स पर आधारित रहा. कई कार्यक्रमों में वह भावुक भी दिखाई दिए, एक कार्यक्रम में उन्होंने वोटर्स से इमोश्नल होकर था कि वह चले गए तो सब उन्हें बहुत याद करेंगे. बुरहानपुर के एक कार्यक्रम में तो उन्होंने दो महिलाओं के पैर भी धोए. साथ ही लाडली बहन योजना के लिए 597 करोड़ की घोषणा की, जिसके लिए फूलों से उनका भी स्वागत किया गया.
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